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मध्य प्रदेश में लोकसभा के तीसरे चरण का मतदान 2019 के स्तर पर नहीं पहुंचा, बैतूल में बड़ा अंतर
मध्य प्रदेश में लोकसभा के तीसरे चरण का नौ सीटों पर मंगलवार को मतदान हुआ जो 2019 की तुलना में कम रुझान वाला देखा गया। बैतूल में करीब नौ प्रतिशत मतदाताओं की दिलचस्पी अपने सांसद के चुनाव को नहीं होने से वोटिंग परसेंटेज नौ फीसदी तक कम रहने की संभावना है क्योंकि शाम साढ़े छह बजे तक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के पास उपलब्ध आंकड़ों में यह अंतर नजर आ रहा था। पढ़िये रिपोर्ट।
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मध्य प्रदेश की जिन नौ सीटों पर मंगलवार को मतदान हुआ उनमें भोपाल, राजगढ़, विदिशा, बैतूल, सागर, गुना, ग्वालियर, भिंड और मुरैना लोकसभा क्षेत्र हैं। सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान हुआ। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में सुबह नौ, ग्यारह, दोपहर एक, तीन और शाम पांच बजे मतदान की जानकारी अपडेट की गई और शाम को साढ़े छह बजे सीईओ अनुपम राजन ने जब अपने यहां पहुंची मतदान की जानकारी के आधार पर मीडिया से चर्चा की तो नौ लोकसभा सीटों पर औसत 66.12 फीसदी मतदान के आंकड़े बताए गए।
भिंड में सबसे कम और राजगढ़ में सबसे ज्यादा मतदान
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन के शाम साढ़े छह बजे जानकारी शेयर करते समय कहा कि कई मतदान केंद्रों की जानकारी जिलों से आना शेष है। उस समय तक उपलब्ध जानकारी में जारी आंकड़ों के मुताबिक सबसे कम भिंड लोकसभा में 52.91 फीसदी मतदान हुआ था। यह मतदान पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव से करीब डेढ़ फीसदी कम है। वहीं, सबसे ज्यादा राजगढ़ जिले में 72.99 फीसदी मतदान हुआ था जो 2019 की तुलना में करीब ढाई फीसदी कम है। हालांकि जिन मतदान केंद्रों की जानकारियां इन आंकड़ों में नहीं शामिल की गई हैं, उनको मिलाने के बाद यह अंतर कम हो सकता है और 2019 की तुलना में इन स्थानों पर मतदान ज्यादा भी पहुंच सकता है।
बैतूल में 2019 की तुलना में कम रहने की संभावना
बैतूल लोकसभा सीट पर 2019 की तुलना में मतदान कम रहने की संभावना है क्योंकि शाम साढ़े छह बजे तक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों में यहां केवल 69.68 फीसदी मतदान हुआ था। जबकि 2019 में बैतूल लोकसभा सीट पर 78.15 फीसदी मतदान हुआ था जिससे यहां मतदाताओं में अपने सांसद के चुनाव के प्रति विशेष रुचि नहीं दिखाई दी। हालांकि बैतूल में भिंड, मुरैना, ग्वालियर, सागर, गुना और भोपाल से ज्यादा प्रतिशत मतदान हुआ है।
भोपाल में भी 2019 का मतदान प्रतिशत रिकॉर्ड नहीं टूटेगा
भोपाल लोकसभा सीट 2019 में दिग्विजय सिंह की वजह से हाईप्रोफाइल सीट बन गई थी जिसकी वजह से यहां 65.70 फीसदी मतदान हुआ था और इस बार यह रिकॉर्ड ब्रेक होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। भोपाल शाम साढ़े छह बजे तक 60.99 फीसदी ही मतदान हो सका। यहां नरेला, भोपाल दक्षिण पश्चिम तथा मध्य विधानसभा सीटों पर मतदान कम होने की जानकारी मिली है जिनमें दो भाजपा और एक कांग्रेस के कब्जे वाली विधानसभा सीटें हैं। राजगढ़ में दिग्विजय सिंह के चुनाव मैदान में होने की वजह से यहां का 2019 का रिकॉर्ड टूट सकता है क्योंकि शाम साढ़े छह बजे तक 72.99 फीसदी मतदान के आंकड़े सीईओ ऑफिस में पहुंच चुके थे। 2019 में राजगढ़ में 74.39 फीसदी मतदान हुआ था। विदिशा भी शिवराज सिंह चौहान के चुनाव मैदान में होने से देश की हाईप्रोफाइल सीटों में है जहां 2019 का मतदान प्रतिशत 71.79 से ज्यादा इस बार वोटिंग की संभावना है। शाम साढ़े छह बजे तक के जारी आंकड़ों में ही यहां 70.35 फीसदी मतदान होने की जानकारी दी गई।
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