-
दुनिया
-
नेपाल के प्रधानमंत्री व काश्की महाराजा की परपोती किरण राज लक्ष्मी थीं माधवीराजे, जाने कब बदला नाम
-
मोदी का राहुल गांधी से अंबानी-अडानी पर सवाल, कितना धन उठाया है जो अब गाली देना बंद किया, राहुल का पलटवार जल्दी भेजें CBI-ED भेजें
-
अफ्रीकी चीता गामिनी ने छह शावकों को जन्म दिया
-
पं. प्रदीप मिश्रा सीहोरवाले के कुबरेश्वरधाम में महाशिवरात्रि के बाजार सजे, देशभर से आ रहे अनुयायी
-
डॉक्टर ने जर्मनी में पत्नी से देह व्यापार कराने की कोशिश, इंदौर में दर्ज हुआ मामला
-
तीसरे चरण में शाह, एंदल, सारंग की विधानसभा में 4 से 6 % कम वोटिंग, ST ने मतदान में नहीं दिखाई रुचि
मध्य प्रदेश में मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण के मतदान में आदिवासी आरक्षित एकमात्र बैतूल सीट थी और वहां भी वोटर ने मतदान के प्रति रुचि नहीं दिखाई। 2019 की तुलना में बैतूल में करीब साढ़े चार फीसदी कम वोट डाले गए तो अनुसूचित जाति बहुल ग्वालियर-चंबल अंचल में करीब तीन फीसदी तक ज्यादा मतदान हुआ है। विजय शाह, एंदल सिंह कंसाना, विश्वास सारंग, नारायण सिंह कुशवाह, राकेश शुक्ला की विधानसभा में कम वोटिंग हुई। देखिये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव का सात मई को तीसरा चरण था जिसमें भोपाल, विदिशा, राजगढ़, गुना, सागर, ग्वालियर, भिंड, मुरैना और बैतूल सीटों के लिए मतदान हुआ था। इन चुनावों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह की चेतावनी के बाद भी तीसरे चरण में पांच मंत्रियों के यहां 2019 की तुलना में साढ़े तीन से लेकर छह फीसदी तक कम वोटिंग हुई। सबसे ज्यादा कम वोटिंग बैतूल लोकसभा सीट के हरसूद में हुई जहां का वरिष्ठ मंत्री विजय शाह प्रतिनिधित्व करते हैं। 2019 की तुलना में करीब छह फीसदी कम वोटिंग हुई है। मुरैना की सुमावली और भोपाल की नरेला विधानसभा सीटों पर भी चार-चार फीसदी कम वोट डले। सुमावली से विधायक एंदल सिंह कंसाना हैं तो नरेला से एमएलए विश्वास सारंग हैं जो मोहन सरकार में वरिष्ठ मंत्री माने जाते हैं। मेहगांव से विधायक राकेश शुक्ला की का विधानसभा क्षेत्र भिंड लोकसभा में आता है जिनके यहां 3.76 फीसदी कम मतदान दर्ज किया गया है तो ग्वालियर दक्षिण से विधायक नारायण सिंह कुशवाह के यहां भी 3.40 प्रतिशत कम मतदान हुआ है।
आदिवासियों ने नहीं दिखाई विशेष रुचि
निर्वाचन आयोग द्वारा दूसरे दिन जारी अधिकृत मतदान प्रतिशत के मुताबिक बैतूल लोकसभा सीट पर 73.48 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया जो कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हुए 78.18 फीसदी मतदान से 4.60 प्रतिशत कम है। बैतूल लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति आरक्षित है जहां दूसरे चरण में मतदान होना था, मगर एक प्रत्याशी के निधन के बाद यहां तीसरे चरण में मतदान कराने का फैसला लिया गया। इसके अलावा मुरैना लोकसभा सीट पर भी 2.99 फीसदी मतदाताओं ने 2019 की तुलना में कम मतदान किया। यहां 58.97 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। भोपाल में भी 1.90 कम वोटिंग हुई जहां 64.06 मतदान हुआ।
विदिशा-ग्वालियर-गुना में ज्यादा मतदान
लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में विदिशा में 2.65 फीसदी ज्यादा मतदान हुआ है। यहां 74.48 प्रतिशत मतदान हुआ तो ग्वालियर में 2.31 प्रतिशत ज्यादा मतदान दर्ज किया गया। ग्वालियर में 62.13 फीसदी मतदान हुआ। गुना में 72.43 वोटिंग हुई जो 2019 की तुलना में 2.09 प्रतिशत ज्यादा रही। भिंड, सागर, राजगढ़ में भी 2019 से ज्यादा वोटिंग दर्ज की गई है।
Leave a Reply