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लोकसभा चुनावः दो चरण के वोटिंग ट्रेंड से तीसरे चरण में फीके मतदान के आसार, भिंड में सबसे ज्यादा चुनौती
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान मंगलवार को है जिसमें नौ सीटों पर वोट डाले जाएंगे। मगर पिछले दो चरणों में जिस तरह वोट प्रतिशत 58 फीसदी से 68 फीसदी के बीच रहा था, वह अब गर्मी बढ़ने की वजह से और प्रभावित होने की आशंका नजर आ रही है। साथ ही दो चरणों के मतदान में लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में कम वोटिंग का ट्रेंड दिखाई देने से यह स्थिति बनती दिखाई दे रही है। पढ़िये रिपोर्ट जिसमें हम आपको पहले व दूसरे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में 2019 की तुलना में 2024 में हुए मतदान का क्या ट्रेंड रहा और मंगलवार को जिन सीटों पर मतदान होना है, वहां 2019 में कितना मतदान हुआ था।
मध्य प्रदेश में मंगलवार को भोपाल, राजगढ़, विदिशा, बैतूल, सागर, गुना, ग्वालियर, भिंड और मुरैना में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान होने वाला है जहां पिछले लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 78.18 प्रतिशत मतदान बैतूल में हुआ था तो सबसे कम भिंड लोकसभा में 54,53 प्रतिशत मतदाताओं ने ही वोट डाले थे। सबसे ज्यादा वोट बैतूल के बाद राजगढ़ में 74.42, विदिशा में 71.83, गुना में 70.34 प्रतिशत डाले गए थे। इससे कम वोटिंग भोपाल में 65.74 तो सागर में 65.54, मुरैना में 61.96 व ग्वालियर में 59.82 प्रतिशत मतदान हुआ था। मगर इस बार गर्मी का मौसम ज्यादा कष्टप्रद अहसास दे रहा है और मौसम विज्ञानियों ने भी मंगलवार को तापमान 42 डिग्री के आसपास रहने की संभावना जताई है जिससे लोगों के दिन में धूप में लाइन में मतदान के लिए खड़े रहने की तस्वीरें कम ही दिखाई देने की संभावना है।
पहले दो चरणों के ट्रेंड ने उड़ाई नींद
मध्य प्रदेश में पहले दो चरणों के मतदान के प्रतिशत ने न केवल निर्वाचन आयोग बल्कि राजनीतिक दलों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है। पहले चरण में जिस तरह 67.75 प्रतिशत वोटिंग हुई थी वह दूसरे चरण में 58.59 फीसदी पर आकर टिक गई। पहले चरण में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 79.83 फीसदी वोट डाले गए लेकिन यह 2019 के चुनाव की तुलना में करीब ढाई प्रतिशत से ज्यादा कम रहा। 2019 में छिंदवाड़ा में 82.42 प्रतिशत वोटर जिनकी संख्या 12 लाख 46210 रही, ने मताधिकार का उपयोग किया था। पहले चरण में सबसे कम सीधी में 56.50 फीसदी मतदान बताया जा रहा है जबकि 2019 में 69.50 फीसदी मतदान हुआ था। इसी तरह पहले चरण वाले बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में 2019 में 77.66 प्रतिशत मतदान की तुलना में इस बार केवल 73.45 प्रतिशत तो जबलपुर में 2019 में जहां 69.42 फीसदी मतदान हुआ था तो इस चुनाव में 61 प्रतिशत ही मतदान हुआ है। मंडला व शहडोल में भी पहले चरण में मतदान हुआ जहां 2019 में क्रमशः 77.79 व 74.75 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था लेकिन इस बार इन दोनों लोकसभा सीटों पर 72.84 और 64.66 प्रतिशत ही मतदान हुआ। इसी तरह दूसरे चरण वाले होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 67.21 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि यहां 2019 में 74.22 फीसदी मतदान हुआ था। सबसे कम दूसरे चरण में रीवा में 49.43 फीसदी मतदान हुआ। इस लोकसभा सीट पर 2019 में 60.41 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके अलावा सतना में इस बार 61.94 प्रतिशत मतदान हुआ जो पिछली बार 2019 में 70.71 फीसदी की तुलना में करीब नौ प्रतिशत कम है तो टीकमगढ़ में इस बार 60.40 प्रतिशत वोटिंग 2019 की तुलना में करीब साढ़े छह फीसदी कम दर्ज की गई है। टीकमगढ़ में 2019 में 66.62 प्रतिशत मतदान हुआ था। खजुराहो लोकसभा सीट पर मतदान 56.97 फीसदी हुआ जबकि 2019 में यहां 68.31 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था। दूसरे चरण में जहां मतदान हुआ उनमें दमोह लोकसभा सीट भी है जहां 56.48 प्रतिशत मतदान हुआ जो 2019 के चुनाव की तुलना में करीब नौ फीसदी कम है। 2019 में दमोह में 65.83 प्रतिशत मतदान हुआ था।
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