-
दुनिया
-
नेपाल के प्रधानमंत्री व काश्की महाराजा की परपोती किरण राज लक्ष्मी थीं माधवीराजे, जाने कब बदला नाम
-
मोदी का राहुल गांधी से अंबानी-अडानी पर सवाल, कितना धन उठाया है जो अब गाली देना बंद किया, राहुल का पलटवार जल्दी भेजें CBI-ED भेजें
-
अफ्रीकी चीता गामिनी ने छह शावकों को जन्म दिया
-
पं. प्रदीप मिश्रा सीहोरवाले के कुबरेश्वरधाम में महाशिवरात्रि के बाजार सजे, देशभर से आ रहे अनुयायी
-
डॉक्टर ने जर्मनी में पत्नी से देह व्यापार कराने की कोशिश, इंदौर में दर्ज हुआ मामला
-
बीएसएसएस और आनंद विहार कॉलेज की गोल्ड मेडेलिस्ट ने सिविल सर्विसेस में हासिल की 470वीं रैंक
बुंदेलखंड के निवाड़ी की रितु यादव ने सिविल सर्विसेस 2024 में 470वीं रैंक हासिल की है। वे निवाड़ी में स्कूलिंग करने के बाद भोपाल में भोपाल स्कूल ऑफ सोशल साइंस में बैचलर, आनंद विहार कॉलेज में पीजी में गोल्ड मेडेलिस्ट रहीं और अब वे अपने परिवार की मर्यादाओं व सम्मान को आगे बढ़ाने के लिए अखिल भारतीय सेवा में जा रही हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
रितु यादव, एक ऐसी कहानी की प्रतीक जो मेहनत, आत्मविश्वास और परिश्रम के उत्तम उदाहरण के रूप में उभरती है। उनकी कहानी में हर एक कदम पर जीवन की मुश्किलों का सामना करने की एक अद्वितीय ताकत है, जो उन्होंने अपनी माँ और परिवार के सम्मान के लिए किया।
रितु यादव का जन्म एक छोटे से गांव, पृथ्वीपुर, जिला निवाड़ी में हुआ था। उनकी माँ, श्रीमती इंद्रा यादव, पूर्व सरपंच रही हैं और उनके पिता मुलायम सिंह यादव, मध्य प्रदेश के प्रमुख राजनेता रहे हैं। ये रितु के जीवन के पहले कदम थे, जिन्हें वह अपनी परिवार की मर्यादाओं और सम्मान को आगे बढ़ाने के लिए उठाया।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा एल्फोंसा स्कूल, पृथ्वीपुर से शुरू हुई, और बाद में भोपाल के सेंट जेवियर्स स्कूल में जारी रही। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा की दिशा स्वीकारते हुए भोपाल के बीएसएसएस कॉलेज से बी.कॉम फॉरेन ट्रेड में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इसके बाद, उन्होंने मास्टर्स में भी अपनी उच्चतम योग्यता साबित की और बीयू गोल्ड मेडलिस्ट के रूप में आनंद विहार गर्ल्स कॉलेज से एम.कॉम की पढ़ाई पूरी की।
यूपीएससी की तैयारी के लिए रितु ने समाजशास्त्र को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना, जो उन्हें उस समाज के मुद्दों और समस्याओं के साथ जोड़ता रहा। उन्होंने रात-दिन मेहनत करते हुए, समय की कमी के बावजूद अपने सपनों के पीछे भागते हुए, यूपीएससी की परीक्षा के लिए खुद को समर्पित किया।
सात साल के संघर्ष के बाद, रितु ने यूपीएससी की परीक्षा में पहले मेंस और पहले इंटरव्यू के बाद अंतिम रिजल्ट में 470वें स्थान हासिल किया। यह सफलता उनके लिए एक अद्वितीय संघर्ष की जीत है, जो उन्होंने अपनी मेहनत और निरंतर प्रयासों से हासिल की है| रितु यादव की इस सफलता के पीछे उनके परिवार का समर्थन हमेशा रहा है।रितु यादव की यह कहानी हमें यह याद दिलाती है कि जीवन में हर किसी के सामने परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन सफलता के लिए जरूरी है कि हम उन्हें अपने साथी बनाएं, न उनके दबाव में आएं और न ही हार मानें। रितु ने इसी सोच के साथ अपने लक्ष्य को पूरा किया और हमें सबक सिखाया कि असल ज़िंदगी में मेहनत करने वालों की हार नहि होती है ।
Posted in: bhopal news, Uncategorized, अन्य, देश, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश, राज्य
Tags: bhopal, bhopal hindi news, bhopal khabar, bhopal khabar samachar, india, madhya pradesh, madhya pradesh . india
Leave a Reply