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विधानसभा में हंगामे और नारेबाजी, अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज हंगामे और नारेबाजी के बीच अध्यक्ष पर पक्षपात और सेंसरशिप का आरोप लगाते हुये विपक्ष उऩके खिलाफ अवश्विास प्रस्ताव लाया। इस बीच मंत्री रामपाल सिंह की बहू प्रीति के मामले में लाए गए स्थगन पर चर्चा के मुद्दे पर लगातार दूसरे दिन कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी तो संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस द्वारा सदन नहीं चलने देने का आरोप लगाते हुए बजट सत्र की कार्यवाही को बुधवार को ही समाप्त करने का प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया और स्पीकर ने सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। मंत्री रामपाल सिंह की बहू प्रीति रघुवंशी की आत्महत्या के मामले में कांग्रेस विधायकों द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा कराने पर कांग्रेस बुधवार को दूसरे दिन भी अड़़ी रही। कांग्रेस ने दूसरे दिन भी न तो प्रश्नकाल चलने दिया और न ही शून्यकाल होने दिया। साथ ही ध्यानाकर्षण सूचनाएं भी नहीं चर्चा में आईं। चार बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित की गई। इस कारण संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा तथा अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा के साथ कई दौर की बातचीत हुई जिससे सत्र की पूरी कार्यवाही की अनुपूरक सूची तैयार कराने की प्रक्रिया शुरू हुई। आसंदी से चार बार कार्यवाही स्थगित होने के बाद आखिर में दो बजकर छह मिनिट पर जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो अनुपूरक कार्यसूची के मुताबिक विभागों की अनुदान मांगों और दो विधेयकों सहित कई अन्य शासकीय कार्यों को निपटाने के बाद संसदीय कार्यमंत्री के प्रस्ताव पर कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
कई बार पहले भी आ चुका है अविश्वास प्रस्ताव
मध्यप्रदेश के इतिहास में ये पहली बार नहीं है कि किसी विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया हो। इससे पहले ईश्वरदास रोहाणी और श्रीनिवास तिवारी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव आया था। राजेंद्र शुक्ल के समय कैलाश जोशी ने अविश्वास प्रस्ताव संकल्प दिया था तो पं. कुंजीलाल दुबे के समय दो बार यह संकल्प आया।
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