मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। राजनीति के पंडित बता रहे हैं कि प्याज का मुद्दा मानसून सत्र में आकर्षण का केंद्र रहेगा। साथ ही इसका प्रभाव आगामी विधानसभा चुनाव पर भी दिखेगा। प्याज को लेकर किसान इस कदर परेशान हैं कि भरपूर उत्पादन के बाद भी किसानों की प्याज उचित दामों पर नहीं बिक पा रही है।
प्याज बेचने में आ रही दिक्कत से नाराज किसानों की सुनवाई नहीं होने से वे कहने लगे है कि, यदि किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो चुनाव परिणामों पर व्यापक असर पड़ेगा। प्याज की बम्पर पैदावार जहां किसानों के लिए मुसीबत बनीं हुई हैं, तो वहीं सरकार के लिए भी परेशानी का कारण बन गई हैं।
मंडी में हालात यह है कि बारिश से सैकड़ों क्विंटल प्याज भीग रही हैं और जो किसान कतार में हैं उन किसानों की प्याज तुल नहीं रही। किसानों का साफ कहना है कि प्याज बेचे या खेती करें। वहीं जहां एक तरफ किसान अपनी प्याज को बेचने के लिए सब काम छोड़कर मंडी में लाइन में लगा हैं तो वहीं दूसरी ओर अधिकारी सुनने को तैयार ही नहीं।
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