मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी छात्राओं के साथ स्कालरशिप दिलाने के बहाने दुष्कर्म के सात प्रकरण सामने आने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीधी में आदिवासी के साथ हुए पेशाबकांड की याद दिलाते हुए सरकार को घेरा है। नाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश आदिवासियों के साथ अत्याचार के मामलों में नंबर वन बना हुआ है। वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एसआईटी का गठन कर जल्द मामले की विवेचना कर आरोपियों को सजा दिलाने की बात कही है। पढ़िये रिपोर्ट।
सीधी जिले में एकबार फिर आदिवासी अत्याचार का मामला सामने आया है जिसमें इस बार छात्राओं को निशाना बनाया गया है। स्कालरशिप दिलाने के बहाने एक एक करके सात छात्राओं को दुष्कर्म का शिकार बनाया गया। हालांकि इस मामले के सामने आने के बाद एफआईआर दर्ज करके पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसको लेकर राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने सीधी के एक आदिवासी के मुंह में भाजपा नेता द्वारा पेशाब किए जाने की घटना को याद दिलाते हुए कहा कि अब लोग उसे भूले भी नहीं थे कि आदिवासी छात्राओं को दुष्कर्म का शिकार बनाने की घटनाएं हो गईं। उन्होंने मध्य प्रदेश अभी भी आदिवासियों के साथ अत्याचार के मामलों में देश में नंबर वन बना हुआ है और आदिवासियों के साथ अभी भी बड़ी संख्या में अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं।
एसआईटी का गठन
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना को लेकर शनिवार को एसआईटी के गठन के निर्देश दिए जिसके आधार पर रीवा जोन के आईजी एमएस सिकरवार ने एसआईटी का गठन किया। इसकी कमान महिला डीएसपी को सौंपी गई है। एसआईटी को निर्देश दिए गए हैं कि वे जांच को लेकर हर सात दिन में प्रोग्रेस रिपोर्ट दे। सभी आरोपियों का पता लगाकर उन्हें सजा दिलाने के लिए प्रकरण से जुड़े साक्ष्यों को एकत्रित किया जाए।
Leave a Reply