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व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच पर सवाल उठाने वालों की नर्सिंग घोटाले में इंस्पेक्टरों के पकड़े जाने पर भी चुप्पी

व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच पर सवाल उठाने वालों की नर्सिंग घोटाले में इंस्पेक्टरों के पकड़े जाने पर भी चुप्पी

व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच के दौरान कई सालों तक सवाल उठाने वाले, नर्सिंग घोटाले की जांच में सीबीआई इंस्पेक्टरों के पकड़े जाने के बाद आज चुप्पी साधे हैं। गलत को सही करने वाली सीबीआई की जांच टीम के पकड़े जाने का सिलसिला चार दिन पहले शुरू हुआ था लेकिन दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस नेता- डॉ. आनंद राय-आशीष चतुर्वेदी जैसे घोटाले के व्हिसिलब्लोअर अब तक चुप्पी साधे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

नर्सिंग घोटाले में अदालत में सूटेबल कॉलेजों की सूची सब्मिट होने के बाद व्हिसिलब्लोअर व एनएसयूआई नेता रवि परमार ने मुद्दे का फालोअप किया और इसका नतीजा यह हुआ कि सीबीआई की दिल्ली की टीम ने भोपाल सीबीआई को भनक लगने नहीं दी, एक्शन शुरू कर दिया। इसमें रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए कड़ियां जोड़ी और सीबीआई के इंस्पेक्टरों राहुल राज, सुशील मजोका, ऋषिकांत असाथे तक सीबीआई दिल्ली की टीम पहुंच गई। इन लोगों ने बिचौलियों के माध्यम से मापदंडों को पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों के संचालकों-प्रिंसिपल आदि से मोटी रकम लेकर उनकी साफ-सुथरी रिपोर्ट बना दी जिसका खुलासा दिल्ली सीबीआई ने अपनी जांच में कर लिया।
व्यापमं घोटाले में दिग्विजय जैसे नेताओं ने उठाए थे सवाल, अब चुप क्यों
सीबीआई की नर्सिंग घोटाले की जांच में इनवेस्टिगेशन करने वाले अधिकारियों के गड़बड़ी करने के साक्ष्य सामने आने के बाद व्यापमं जैसे बड़े घोटालों के इनवेस्टिगेशन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। मगर व्यापमं घोटाले में जिन नेताओं-व्हिसिलब्लोअर्स सीबीआई पर सवाल खड़े किए थे, वे अब तक चुप हैं। सबसे बड़े सवाल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उठाए थे लेकिन चार दिन से नर्सिंग घोटाले में नए-ऩए खुलासे हो रहे हैं। पहले ही दिन सीबीआई के श्रेष्ठ इनवेस्टिगेशन अवार्ड से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथों सम्मानित राहुल राज का कॉलेज संचालक से 10 लाख की रिश्वत लेने का राज खुला तो दूसरे दिन एक अन्य इंस्पेक्टर सुशील मजोका का नाम सामने आया। अब तीसरे इंस्पेक्टर ऋषिकांत असाथे का नाम सामने आ रहा है। यही नहीं सीबीआई स्वयं इस मामले में अपने और अधिकारियों के शामिल होने की बात कह रही है मगर व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच में ऐसे साक्ष्य नहीं होने पर भी आरोप लगाने वाले दिग्विजय सिंह से लेकर विधायक रहे कुणाल चौधरी की चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है। यही नहीं व्यापमं घोटाले के व्हिसिलब्लोअर डॉ. आनंद राय से लेकर आशीष चतुर्वेदी भी पूरे मामले में चुप हैं।
जिन सत्यदेव कटारे ने आवाज उठाई थी, उनके विधायक पुत्र भी उस पर चुप
व्यापमं घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष रहे स्व. सत्यदेव कटारे ने विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाई थी और कार्यवाही में शामिल होने के पहले घोटाले के नारों से लिखी एप्रेन पहनकर विधायकों के साथ विधानसभा पहुंचे थे। आज वे नहीं हैं लेकिन अब सीबीआई की जांच टीम की नर्सिंग घोटाले में संदिग्ध भूमिका सामने आने पर कटारे के विधायक पुत्र हेमंत कटारे ने आज पीसीसी में मीडिया विभाग के प्रभारी मुकेश नायक, नर्सिंग घोटाले के व्हिसिलब्लोअर रवि परमार के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में ताजे घोटाले को तो उठाया मगर व्यापमं घोटाले में सीबीआई जांच पर ज्यादा कुछ नहीं बोले। पत्रकार वार्ता में नर्सिंग घोटाले को उठाने वाले व्हिसिलब्लोअर को गिरफ्तार हथकड़ी पहनाने की बात जिस जोरदार आवाज के साथ उठाई गई, उसी अंदाज में व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच को भी घेरा जाना था लेकिन उस पर मौन से प्रमुख विपक्षी दल पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
अकेले अरुण यादव सीबीआई की व्यापमं जांच पर बोले
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने पहले की तरह व्यापमं घोटाले को लेकर सीबीआई की जांच पर सवाल उठाए। उन्होंने तंज कसा है कि अब समझ आ रहा है कि व्यापमं महाघोटाले में कैसे क्लीनचिट दी गई। नर्सिंग घोटाले में रिश्वत देकर सूटेबल कॉलेजों की रिपोर्ट बनाने वाले सीबीआई अधिकारियों को अरबों रुपए के महाघोटाले में करोड़ों रुपए की रिश्वत मिली होगी।

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