Category Archives: आपकी आवाज, हमारी कलम

बीमार-बूढ़े वन्य प्राणियों के बचाव केंद्र वन विहार से सटे रिसोर्ट में न्यू ईयर पार्टी, डीजे साउंड पर विदेशी कलाकारों की प्रस्तुतियां

मध्य प्रदेश में वन्य प्राणियों के बीमार होने या उनके बूढ़े हो जाने पर भोपाल के वन विहार स्थित राष्ट्रीय उद्यान में बचाव केंद्र में रखा जाता है लेकिन 31 दिसंबर इन वन्य प्राणियों के लिए मुसीबत टूटने वाली है। यहां वन विहार से सटे एक रिसोर्ट में विदेशी कलाकारों की प्रस्तुतियों के साथ न्यू ईयर पार्टी का आयोजन किया जा रहाहै जिसमें धमाकेदार आवाजों के डीजे होंगे और इनके शोर से बीमार-बूढ़े वन्यप्राणियों के व्यवहार में भारी अंतर आ सकता है। हमारे लिए वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट।

ईओडब्ल्यू के ई-टेंडर की जांच करने वाले अरुण मिश्रा को आईपीएस अवार्ड

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित ई-टेंडर घोटाले की ईओडब्ल्यू में जांच करने वाले पुलिस अधिकारी अरुण मिश्रा को अंततः भारतीय पुलिस सेवा में बैच का आवंटन कर दिया गया। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राजपत्र में इस संबंध में सूचना जारी कर उन्हें 2021 बैच का आवंटित कर दिया। पढ़िये रिपोर्ट।

वन विभाग को मिला नया मुखिया, अभय पाटिल बने पीसीसीएफ

राज्य शासन ने वन विकास निगम के प्रबंध संचालक अभय कुमार पाटिल को वन बल प्रमुख के पद पर पदस्थ करने के आदेश जारी कर दिया है। उनका कार्यकाल एक महीने का ही होगा। फरवरी में वन विभाग के नए मुखिया असीम श्रीवास्तव होंगे। पढ़िए रिपोर्ट।

गुना बस हादसाः 13 लोग जिस बस में जिंदा जले, उसका न बीमा, न टैक्स, न फिटनेस

गुना में डंपर से यात्री बस की टक्कर के बाद 13 लोगों की जिंदा जलने से मौत की बुधवार की घटना में सामने आया है कि बस का न टैक्स जमा था, न फिटनेस थी और बीमा भी समाप्त हो चुका था। इसके बाद भी गाड़ी सड़क पर दो साल से नियमों को ताक में रखकर चल रही थी और जिम्मेदारों ने कभी इसे देखा नहीं। घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने परिवहन आयुक्त संजय झा सहित कलेक्टर तरुण राठी, एसपी विजय खत्री को हटा दिया है तो आरटीओ व नगर पालिका के सीएमओ को निलंबित कर दिया है। पढ़िए रिपोर्ट।

कांग्रेस में नेतृत्व बदलने के साथ निष्ठाओं का परिवर्तन, पढ़िये रिपोर्ट

मध्य प्रदेश कांग्रेस कई दशकों से गुटीय राजनीति से घिरी हुई है जिसमेें कई नेता अपने आकाओं को नेतृत्व बदलने के साथ बदलते आए हैं। इस बार भी विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद हाईकमान ने प्रदेश नेतृत्व की कमान बुजुर्ग कमलनाथ से युवा जीतू पटवारी को सौंपी तो निष्ठाओं को बदलने वाले नेता भी उसी रफ्तार के साथ परिवर्तित होते नजर आए। हमारे लिए वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट।

मध्य प्रदेश कांग्रेस जिला अध्यक्षों-प्रभारियों की बैठक में नेता जिलों में संगठन नहीं था, इसलिए हारे चुनाव

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन को लेकर अब खुलकर नेता बोलने लगे हैं। जिला अध्य़क्षों-जिला प्रभारियों की बैठक में नेताओं ने कहा कि जिलों में संगठन नहीं था, इसलिए चुनाव हारे हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कमलनाथ करीब छह साल के कार्यकाल में संगठन बनाने के नाम पर बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं को व्यस्तताएं बताते रहते थे और अब नेताओं के आरोपों से धरातल की हकीकत सामने आ रही है। पढ़िये रिपोर्ट।

एमपी पीसीसी में जीतू पटवारी की बैठक के बैनर से दिग्विजय-कमलनाथ-पचौरी गायब, नाथ कार्यकारिणी भंग

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान जीतू पटवारी के संभालने के बाद प्रभारी महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों की पीसीसी में हुई पहली बैठक में राज्य के दिग्गज नेताओं दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सुरेश पचौरी सहित अन्य नेता बैनर से ही गायब कर दिए गए। वहीं, बैठक के बाद भंवर जितेंद्र सिंह ने कमलनाथ की प्रदेश कार्यकारिणी को भंग करने का ऐलान कर दिया। पढ़िये रिपोर्ट।

शिवराज से अलग मोहन कैबिनेट, अनुभवी-युवा, महिला-जाति का संतुलन

मध्य प्रदेश के डॉ. मोहन यादव सरकार के 28 मंत्रियों ने आज शपथ ली जिसमें अनुभवी और युवा नेताओं के साथ महिला व जातीय संतुलन दिखाया है। शिवराज सरकार के कुछ मंत्रियों को छोड़ा गया तो ज्योतिरादित्य समर्थक तीन मंत्री बनाए गए। पढ़िये रिपोर्ट।

मोहन यादव सरकार-कांग्रेस के सामने चुनौतियां, पुराने चेहरों से चलाएंगे काम या नए से बनाएंगे टीम

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा और कांग्रेस में युवा नेतृत्व को आगे लाने के फैसलों से डॉ. मोहन यादव सरकार और कांग्रेस में जीतू पटवारी के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गईं हैं। यादव सरकार में मंत्रियों की टीम में नए और पुराने चेहरों के मिश्रण के समीकरण बैठाने पर मंथन जारी है तो जीतू पटवारी को महत्वपूर्ण पदों पर अनुभवी तो कदम मिलाकर काम करने के लिए युवाओं की टीम खड़ी करना है। पढ़िये रिपोर्ट।

शिवराज-इकबाल के पसंदीदा अफसरों पर गाज गिरने लगी, दूसरे मनीष भी हटाए गए

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने के साथ ही प्रशासनिक पसंद के अनुसार बदलाव शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री सचिवालय के बाद सरकार की छवि निर्माण करने की जिम्मेदारी संभालने वाले जनसंपर्क विभाग के मुखिया को भी बदल दिया गया है। यह दोनों ही अफसर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व उनके पसंदीदा पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की पसंद थे। पढ़िये रिपोर्ट।

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