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2800 नामांकन, बागियों ने बढ़ाई परेशानी
प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल के अंतिम दिन विधानसभा सीटों पर 2800 नामांकन दाखिल किए गए। बीजेपी ने सभी 230 और कांग्रेस ने 229 सीटों पर नामांकन दाखिल किया।विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं ने नामांकन भरने के अंतिम दिन निर्दलीय और अन्य पार्टियों से पर्चे दाखिल किए। कुछ अधिकृत रूप से घोषित प्रत्याशी को बी फार्म नहीं ले गए जिससे कुछ दावेदारों ने उम्मीद के सहारे नामांकन पर्चे दाखिल किए हैं।
राजधानी भोपाल की सात सीटो पर बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियोंं ने नामांकन दाखिल किए। मध्य विधानसभा पर कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज नासिर इस्लाम, मुनव्वर कौसर, साजिद अली ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। वहीं, उत्तर विधानसभा से पार्षद सऊद ने भी निर्दलीय नामांकन किया है। गोविंदपुरी सीट पर कांग्रेस के प्रबल दावेदार माने जा रहे कांग्रेस नेता रामबाबू शर्मा ने भी नि
मुख्य राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के द्वारा इंदौर ले की नौ सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करने के साथ ही दोनों दलों के बागियों ने मैदान पकडक़र अपने अपने दलों के लिए मुश्किलें खड़ी करना शुरू कर दिया है। सर्वाधिक महू, इंदौर 1 में बागी प्रत्याशी चुनौती पेश कर रहें हैं। इंदौर ग्रामीण की महू विधानसभा सीट पर कैलाश विजयवर्गीय की जगह उषा ठाकुर को प्रत्याशी घोषित किया गया है। फायर ब्रांड नेत्री ठाकुर वर्तमान में इंदौर-3 से विधायक हैं। उनके नाम की घोषणा के साथ ही महू के स्थानीय भाजपा नेताओं ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है। इसी क्रम में ठाकुर का पुतला स्थानीय नेताओं ने फूंका हैं। सुश्री ठाकुर का विरोध करते हुये भाजपा के 5 स्थानीय नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने का दावा कर रहें हैं। ।
सतना में नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन जिले के दो दिग्गज नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण द्विवेदी अपने सभी पदों का त्याग करते हुए अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को भेजा दिया, जबकि दूसरा झटका डॉ. रश्मि सिंह पटेल ने दिया। डॉ. रश्मि ने टिकट वितरण से नाराज होकर नागौद विधानसभा क्षेत्र से बागी प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है।
पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव, श्योपुर के कांग्रेस जिला अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सहित कई नेताओं ने नामांकन पर्चा दाखिल कर बागी तेवर दिखाए हैं। इधर, हुजूर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं ने टिकट वितरण से नाराज होकर पीसीसी पर प्रदर्शन भी किया।
कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद नाराजगी अब फूटने लगी है। भोपाल में गोविंदपुरा सीट से पार्षद गिरीश शर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने के कारण रामबाबू शर्मा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पर्चा दाखिल किया है। भोपाल मध्य से आरिफ मसूद को टिकट मिलने से नाराज होकर मुनव्वर कौसर व साजिद अली ने भी पर्चा दाखिल कर दिया है। इसी तरह इंदौर में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा के बाद इंदौर एक से प्रीति गोलू अग्निहोत्री व कमलेश खंडेलवाल, इंदौर दो से चिंटू चौकसे, इंदौर पांच से छोटे यादव, देपालपुर से मोती सिंह पटेल ने बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है।
जबलपुर में भी कांग्रेस के दो बागियों ने नामांकन पर्चे भरे हैं। बरगी में राजेश सिंह ने निर्दलीय तो पनागर से विनोद श्रीवास्तव ने समाजवादी पार्टी का दामन थामकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। ग्वालियर दक्षिण से पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव तो ग्वालियर ग्रामीण ने साहिब सिंह गुर्जर से निर्दलीय के रूप में चुनाव उतर रहे हैं। वहीं, दतिया जिले की सेवढ़ा में दामोदर सिंह यादव, श्योपुर से जिला अध्यक्ष बृजराज सिंह व उपाध्यक्ष रामलाखन हिरनीखेड़ा और मुरैना के अंबाह विधानसभा क्षेत्र से विजय छारी को टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय के तौर पर नामांकन पर्चा दाखिल कर दिया।
राजनगर सीट से टिकट मांग रहे नितिन चतुर्वेदी को टिकट नहीं मिला तो उन्होंने समाजवादी पार्टी से नामांकन पर्चा दाखिल कर दिया। उनके पिता पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी बेटे के चुनाव प्रचार का एलान कर दिया है। इसी तरह बिजावर सीट से 2013 के प्रत्याशी रहे राजेश शुक्ला को इस बार टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में उतर गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह को वारासिवनी से टिकट मिलने से नाराज प्रदीप जायसवाल गुड्डा भी निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में उतर गए हैं। जायसवाल 2013 में कांग्रेस प्रत्याशी थे और वे करीब 18 हजार वोट से हारे थे।
उज्जैन संभाग में कई जाने-पहचाने कांग्रेस के नेता बागी हो गए हैं। किसान और पंचायतीराज के नेता वाले डीपी धाकड़ ने कांग्रेस नेतृत्व के आश्वासन के बाद भी टिकट नहीं मिलने पर रतलाम जिले की जावरा विधानसभा सीट से निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरने का फैसला किया है। वहीं पिछले चुनाव में उज्जैन दक्षिण से दस हजार से कम वोट से हारे जय सिंह दरबार तो उज्जैन उत्तर से माया त्रिवेदी ने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पर्चे भर दिए हैं। इसी तरह जिले की महिदपुर सीट से दिनेश जैन बोस और नागदा खाचरौद से दयाराम धाकड़ भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। झाबुआ जिले की जोबट सीट से 2013 में हारे कांग्रेस प्रत्याशी विशाल रावत तो सुसनेर से राणा विक्रम सिंह निर्दलीय के तौर पर चुनाव मैदान में उतर गए हैं।
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