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अमित शाह का छिंदवाड़ा को कमलनाथ से मुक्त कराने का प्लान, मंगलवार की चर्चा बुध को आम
मध्य प्रदेश की छह लोकसभा सीटों पर दो दिन बाद 19 अप्रैल को मतदान होना है जिसके लिए बुधवार को शोरभरा चुनाव प्रचार थम गया। मगर इस चुनाव प्रचार के एक दिन पहले मंगलवार रात को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की छिंदवाड़ा में बीजेपी नेताओं की मीटिंग बुधवार को चर्चाए आम हो गई कि छिंदवाड़ा को कमलनाथ से मुक्त कराने को शाह ने एकतरफा चेतावनी जैसी दी है कि भाजपा कार्यकर्ता गिले-शिकवे भूल जाएं। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, शहडोल, बालाघाट और सीधी लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होने वाला है जिसके लिए बुधवार की शाम को प्रचार थम गया। इन आधा दर्जन सीटों में से कांग्रेस के पास अभी एकमात्र छिंदवाड़ा सीट है जहां कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ 2019 में बमुश्किल जीत पाए थे। मगर इस बार भाजपा ने प्रदेश की सभी 29 सीटों को जीतने का दावा कर रखा है यानी छिंदवाड़ा भी कांग्रेस से छीनने के लिए भाजपा ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस सीट को जीतने के लिए अपनी रणनीति के हिसाब से चुनाव बिसात बिछाते जा रहे हैं और चुनाव प्रचार खत्म होने के एक दिन पहले वे मोहरों को उनके सही ठिकानों पर रखकर उन्हें जिम्मेदारी समझाने के लिए रातभर वहां रुके थे।
कमलनाथ को तोड़ने के बाद भी भाजपा आशंकित दिख रही
भाजपा नेताओं के साथ बैठक के बाद बंटी साहू से नाराज छिंदवाड़ा के दिग्गज नेताओं को अलग से चर्चा के लिए बुलाया। हालांकि वहां क्या बात हुई लेकिन बुधवार को यह चर्चा आम हो गई कि पार्टी के सभी रूठे नेताओं को साफ शब्दों में चुनाव जिताने को कह दिया गया है। शाह के छिंदवाड़ा को कमलनाथ से मुक्त कराने के प्लान की कामयाबी-नाकामयाबी नाराज नेताओं की भूमिका पर टिका है क्योंकि कमलनाथ के आसपास के लोगों को तोड़ने के बाद भी भाजपा अभी भी चुनाव में हार-जीत को लेकर मजबूत दिखाई नहीं दे रही है। नाथ की टीम को तोड़कर भाजपा अपने साथ करने के बाद उनके नजदीकी आरके मिगलानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई और फिर कांग्रेस विधायक सुनील उइके व उनकी पत्नी को मॉल निर्माण में नोटिस जारी किया जा चुका है। यह भाजपा की कहीं न कहीं असुरक्षा की भावना को प्रदर्शित करता है।
बालाघाट में मुंजारे से कांग्रेस को नुकसान
पहले चरण के मतदान वाले बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में भाजपा की भारती पारधी को कंकर मुंजारे की मैदान में मौजूदगी का फायदा मिल रहा है। मुंजारे कांग्रेस के सम्राट सिंह के वोट काट रहे हैं क्योंकि मुंजारे जिस लोधी समाज से आते हैं वह बंट रहा है। मुंजारे की पत्नी कांग्रेस विधायक हैं और वे सम्राट का चुनाव प्रचार कर रही हैं जिससे लोधी समाज के वोट बंटने के संकेत नजर आ रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की सभा बहुत फायदेमंद साबित होगी क्योंकि इस चुनाव को भाजपा मोदी के नाम पर ही लड़ रही है।
कुलस्ते से नाराजगी भाजपा की चिंता
विधानसभा चुनाव हारने वाले केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के प्रति लोगों की नाराजगी भाजपा के लिए चिंता का विषय है जिसको कांग्रेस भुनाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस के विधायक ओमकार सिंह मरकाम लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव का परफार्मेंस दोहरा पाएंगे यह समय बताएगा मगर राहुल गांधी की टीम के सदस्य होने की वजह से हाईकमान उनके पूरी तरह साथ है।
कमलेश्वर को अजय का साथ मिलने से स्थिति सुधरी
सीधी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की स्थिति दो घुर विरोधी विधायक अजय सिंह राहुल और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल के साथ-साथ हो जाने से सुधरी है। कमलेश्वर पटेल की वजह से एक बार अजय सिंह चुनाव हार चुके हैं तो 2023 में कमलेश्वर पटेल को विधानसभा चुनाव में उनके प्रति नाराजगी की वजह से हार का सामना करना पड़ा। इसलिए अब दोनों ही एकसाथ हो गए हैं। वहीं, भाजपा के प्रत्याशी राजेश मिश्रा को भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह के गौंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव मैदान में उतर जाने से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में भाजपा को इस सीट टक्कर मिल सकती है।
बैगा वोटर पर शहडोल प्रत्याशी का भविष्य
शहडोल लोकसभा सीट पर भी दो दिन बाद मतदान होने वाला है लेकिन यहां मौजूदा सांसद हिमाद्री सिंह को भाजपा ने मैदान उतारा है। वहीं, कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को को चुनाव लड़ा रही है। इस सीट पर बैगा आदिवासी वोटर ज्यादा हैं और ये जिस तरफ भी जाएंगे वही प्रत्याशी चुनाव जीतेगा। इस सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदो व राहुल गांधी की सभाएं हो चुकी हैं।
भाजपा के लिए संस्कारधानी में कांग्रेस को चोट पहुंचाकर मैदान मजबूत
संस्कारधानी जबलपुर में 19 अप्रैल को मतदान होना है लेकिन यहां भाजपा ने शुरू से ही कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं। नगर निगम के मेयर से लेकर कई पदाधिकारियों को अपने साथ लेकर भाजपा ने यहां चुनाव प्रचार का आगाज किया और बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के रोड शो, प्रबुद्धजन सम्मेलनों से स्थिति को मजबूती मिली। हालांकि यहां भाजपा का नया चेहरा आशीष दुबे प्रत्याशी है तो कांग्रेस ने दिनेश यादव को उतारा है।
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