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अखिल भारतीय सेवा के अफसरों में भारत-पाक जैसे संबंधः सीएम
“सिविल सर्विस डे” के मौके पर भोपाल के प्रशासन अकादमी में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हाल ही में पुलिस कमिश्नर सिस्टम के लागू करने की सरकार के विचार से ही आईएएस-आईपीएस के बीच पैदा हुए तनावपूर्ण संबंधों को हल्के-फुल्के अंदाज में अफसरों को अपनी नाराजगी का अहसास करा दिया। इन अफसरों को अप्रत्यक्ष रूप से सीएम ने यह कह दिया कि जिस तरह भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबंध रहते हैं, वैसे ही आप लोगों के बीच रहते हैं। मुख्यमंत्री के अफसरों की तारीफ करते करते इस बदले हुए अंदाज को अफसर भांप नहीं पाए और कुछ अधिकारी बंगले झांकने लगे। उन्होंने कहा कि – कभी-कभी मप्र में अधिकारियों के संबंध हिंदुस्तान पाकिस्तान की लड़ाई जैसे लगते हैं। बाद में मुख्यमंत्री के बयान पर मुख्य सचिव बीपी सिंह को सफाई देना पड़ी। उन्होंने कहा कि – यदि ऐसे संबंध होते तो वे और डीजीपी एक ही गाड़ी में बैठ कर आयोजन में नहीं आते।
मुख्यमंत्री के इस बयान पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने निंदनीय बताया और सवाल किया है कि आखिर 13 साल से वे प्रदेश से मुखिया हैं तो इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार कौन है।
आयोजन में पहले तो मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश की तीनों सेवाओं प्रशासनिक, पुलिस और वन के अधिकारियों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत में अंग्रेजों के राज से पहले से सिविल सर्विस का स्वरूप रहा है। वे एक्सपर्ट होते थे।सरकार की नीतियों को जमीन पर उतारना सिविल सर्विस का काम है। प्रदेश में सिविल सर्विस से मैं खुश हूं, क्योंकि अधिकारी बेहतरीन काम कर रहे हैं। तीनों सेवाओ ने प्रदेश में शानदार काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने हमेशा महिला सशक्तिकरण के बारे में काम करने का सोचा। इसीलिए मैंने बच्चियों के जन्म से लेकर शादी तक कि योजनाएं बनाईं। हो सकता है सीएम हेल्प लाइन से लोग संतुष्ट न हों लेकिन ज्यादातर लोग इससे संतुष्ट हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कुछ जगह हम कमजोर रहे हैं।हालांकि कुछ योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर नाम मिला है।
समय सीमा नहीं लक्ष्य की तड़प पैदा करें
अपने भाषण में अचानक मुख्यमंत्री के तेवर बदले। उन्होंने अधिकारियो को नसीहत देना शुरू कर दिया। बोले – टैलेंट के चलते यह नौकरी मिली है। इसलिए तय समय सीमा की बजाए लक्ष्य के लिए तड़प के साथ काम करें।जुनून के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि मैं खुद तड़प के साथ काम करता हूं, ताकि गरीबों का विकास हो।कभी कभी तो एक दिन में कई कार्यक्रमों में 20 हजार से अधिक लोगों से हाथ मिलाता हूं। उन्होंने अधिकारियों को नसीहत दी कि वे नकारात्म न रहें, हमेशा सकारात्मक रहें। चने की खरीदी पर अधिकारियों पर बातों ही बातों में तंज कसा कि छन्ना ऐसा न लगायें कि छानने में मिट्टी के साथ चना ही न निकल जाए। जनप्रतिनिधियों और मीडिया से तालमेल की भी सलाह दी।
अफसरों को गुटों से दूर रहने की सलाह
मुख्यमंत्री ने अफसरों को गुटबाजी से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि अधिकारियों के भी गुट बनते हैं। कभी कभी इनके बीच भारत पाकिस्तान की लड़ाई लगने लगती है। ऐसा नहीं होना चाहिए आपस में बेहतर तालमेल रखें, हीनभावना से दूर रहें, अहंकार से दूर रहें, धैर्य रखें, और जनता की समस्याओं के समाधान निकालें। उत्साह से भरे रहें, काम फुर्ती से करें। मुख्यमंत्री के उद्बोधन के बाद मुख्य सचिव बीपी सिंह ने सीएम की कुछ बातों पर असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि – प्रदेश में अधिकारियों में बेहतर तालमेल है।
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