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कोर्ट से बीजेपी को राहत, मगर मेघालय, मणिपुर, गोवा व बिहार में मुश्किलें बढ़ीं, भोपाल में प्रदर्शन
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और जद एस के बीच सत्ता पाने की होड़ के कारण सुप्रीम कोर्ट में देररात कांग्रेस पहुंची। कांग्रेस नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन लगाया जिस पर रात को ही सुनवाई हुई और गुरुवार को भाजपा विधायक दल के नेता वीएस येदिरप्पा की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ पर रोक लगाने से इनकार के बाद शुक्रवार को फिर से सुनवाई की तारीख तय की गई। वहीं कांग्रेस ने इस घटनाक्रम के बाद शुक्रवार को देशभर में राज्यों की राजधानी और जिला मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शन का प्रोग्राम जारी किया तो बिहार में राजद नेता तेजस्वी नायक ने राज्यपाल के सामने प्रस्तुत होकर कर्नाटक की तर्ज पर उन्हें भी सरकार बनाने का मौका देने की पेशकश करने जा रहे हैं।
कर्नाटक में सुप्रीम कोर्ट से बुधवार-गुरुवार की रात को भाजपा को मिली बड़ी राहत के बाद राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं। कांग्रेस ने सभी राज्यों की कांग्रेस कमेटियों को राजधानियों व जिलों में शुक्रवार को लोकतंत्र की हत्या के आरोप में धरने और प्रदर्शन करने का प्रोग्राम जारी किया है। भोपाल में भी शुक्रवार को जिला कांग्रेस कमेटी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के नेतृत्व में राजभवन पर प्रदर्शन करेगी।
विपक्षी दल बीजेपी को घेरने में जुट गए
अब कर्नाटक फॉर्मूले के सहारे विपक्षी दल बीजेपी को घेरने में जुट गए हैं. गोवा, बिहार के बाद अब मणिपुर और मेघालय में भी बीजेपी को उसके ही तरीके से मात देने की रणनीति पर काम किया जा रहा है.
गोवा में जहां कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है, इनके बाद बिहार में भी तेजस्वी यादव ने ऐसा ही किया है. और अब मणिपुर में पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, मेघालय में पूर्व सीएम मुकुल संगमा ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है.
आपको बता दें कि इन सभी राज्यों में इन नेताओं की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन सत्ता बीजेपी के हाथ में है. सभी पार्टियां अब कर्नाटक फॉर्मूले बहाने बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रही है.
गोवा में क्या हुआ…?
गोवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चोडणकर ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मिलने का समय मांगा है. कांग्रेस राज्यपाल से गोवा में भी कर्नाटक फॉर्मूला अपनाने की अपील कर सकती है. कांग्रेस का तर्क है जब कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का निमंत्रण मिला है, तो गोवा में भी ऐसा ही होना चाहिए.
क्या हुआ था गोवा में..?
आपको बता दें कि जब कर्नाटक की 40 विधानसभा सीटों के नतीजे आए तो स्थिति बिल्कुल कर्नाटक जैसी ही थी. कांग्रेस 16 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से दूर रही थी. बीजेपी ने 14 सीटों पर कब्जा जमाया था और अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बना ली थी.
बिहार में एक्टिव हुए तेजस्वी
गोवा की तरह बिहार में भी राजद एक्टिव हो गई है. पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है. तेजस्वी यादव शुक्रवार को अपने सभी विधायकों के साथ राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात करेंगे. तेजस्वी का कहना है कि क्योंकि उनकी पार्टी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है तो उन्हें भी सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए.
मणिपुर में क्या हैं हालात..?
आपको बता दें कि मणिपुर में कुल 60 सीटें हैं, यानी बहुमत के लिए 31 सीटें चाहिए थीं. कांग्रेस ने 28 और बीजेपी ने 21 सीटें जीतीं थीं. लेकिन बीजेपी ने एनपीपी समेत अन्य दलों के साथ सरकार बना ली.
मेघालय में कांग्रेस को लगा था बड़ा झटका…
सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को बीजेपी ने मेघालय चुनाव में दिया था. यहां कांग्रेस ने 20 सीटें जीतीं थी, वहीं बीजेपी ने केवल 2 सीटें. इसके बावजूद एनपीपी के नेतृत्व में 6 दलों के साथ बीजेपी ने सरकार बना ली.
कर्नाटक में क्या हुआ है..?
कर्नाटक में 15 मई को जब नतीजे आए तो बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं नतीजों के बाद कांग्रेस और जेडीएस एक साथ आ गईं, दोनों की कुल सीटें 116 हुईं. लेकिन सरकार बनाने का न्योता बीजेपी को मिला और गुरुवार को नई सरकार ने शपथ भी ले ली.
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