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रोशनी क्लीनिक ने किया जीवन रोशन … 15 साल बाद राधा की गोद भरी
जिला रतलाम के छोटे से गांव पलदुना में राधा की शादी लगभग 17 साल पहले हुई थी। शादी के बाद 3 साल तक तो सब कुछ सामान्य चलता रहा लेकिन परिवार के सदस्य बच्चे की आस लगाने लगे। राधाबाई ने संतान के लिए अस्पतालों में अपना इलाज कराना शुरू किया लेकिन घर में गरीबी हालत के कारण लंबे समय तक इलाज नहीं करा पा रही थी। गांव की आशा ने महिला स्वास्थ्य शिविर के बारे में बताया राधा ने महिला स्वास्थ्य शिविर में अपनी जांच कराई।
जांच के बाद राधा को सरकारी अस्पताल में लगने वाले रोशनी क्लीनिक में ले जाया गया। शादी को अब तक 15 साल से ज्यादा का समय हो जाने से राधा को पहले तो संतान होने की आस नहीं बंधी लेकिन पति बाबूलाल को विश्वास था कि इलाज कराने पर लाभ होगा। उन्होंने रोशनी क्लीनिक में अपना और पत्नी का पूरा इलाज कराया। इलाज के बाद इंदौर के ग्रेटर कैलाश में उनका इलाज करने के लिए एस्टीमेट दिया।अस्पताल के मेडिकल बोर्ड परीक्षण के उपरांत पहले पैकेज के अनुसार राशि स्वीकृत कर दी गई जिसमें राधा और उसके पति को इंदौर आने-जाने के लिए रू 5000 रुपये की परिवहन राशि भी खाते में मिली। प्रथम पैकेज के अनुसार इलाज कराया लेकिन फायदा नहीं हुआ। अब राधा और भी अधिक निराश थी पर उनके पति ने भरोसा नहीं खोया। रोशनी क्लीनिक में संपर्क करने पर फिर से दूसरे पैकेज के लिए राशि स्वीकृत हुई और राधा ने अपना इलाज कराना शुरू किया। राधा ने गर्भधारण के पूरे 9 महीने तक राधा ने टिटनेस का टीकाकरण, अपनी सभी जांचें पूरी कराईं और 4 दिसंबर को राधा ने सिजेरियन के माध्यम से एक कन्या को जन्म दिया राधा का प्रसव जिला चिकित्सालय की चिकित्सक ने किया राधा और उसका परिवार रोशनी क्लीनिक से रोशन हुआ उनकी बेटी स्वस्थ है और रोशनी क्लीनिक की सेवाओं के लिए हमेशा धन्यवाद देते हैं।