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ब्रांडिंग-मार्केटिंग से मिला साध्वी प्रज्ञा को टिकट, जेल तो हम भी गए थे
आज के समय में कहते हैं कि बिना मार्केटिंग के सामान हो या व्यक्ति का काम, उसकी सही कीमत नहीं मिल सकती। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने पर उनके साथ मालेगांव ब्लास्ट में जेल में रहने वाले सुधाकर चतुर्वेदी ने कुछ यही कहा।
मालेगांव विस्फोट मामले के एक आरोपी और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के साथ जेल जाने वाले सुधाकर चतुर्वेदी काफी नाराज हैं. साध्वी के बीजेपी में शामिल होने और फिर भोपाल लोकसभा सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने को उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर की मार्केटिंग का नतीजा बताया. सुधाकर ने कहा, “जेल तो और लोग भी गए थे. लेकिन दूसरे लोगों की बीजेपी ने सुध नहीं ली.”
हिंदू महासभा के टिकट पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के खिलाफ मिर्जापुर सीट से चुनाव लड़ रहे सुधाकर चतुर्वेदी ने कहा, “वो सब (साध्वी प्रज्ञा ठाकुर) बड़े लोग हैं. लामबंद हो गए. वो क्या है कि वो राजपूत समाज से हैं, राजपूत तो नहीं हैं, लेकिन उनके पीछे राजपूत समाज लामबंद हुआ कि साध्वी को टिकट मिलना चाहिए. वगैरह वगैरह. हमारे साथ कोई लामबंद नहीं हुआ. क्या है, मार्केटिंग है न. जिसकी मार्केटिंग होगी वही माल बिकेगा. कितना भी अच्छा माल हो, अगर मार्केटिंग नहीं हुई तो नहीं बिकेगा.”
साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी उम्मीदवार बनाने पर कहा, “अच्छा है. टिकट मिलना चाहिए उनको. लेकिन वो अकेले जेल में थोड़े थीं. सब साथ में हैं न (और भी लोग साथ में थे). जिसको जहां पे दांव मिला वहां पे खेल रहा है. क्या कर सकते हैं.” सुधाकर ने बताया कि जेल से निकलने के बाद अब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से उनकी बात नहीं होती.
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