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ई टेंडर घोटाले में अब अफसरों से पूछताछ
मध्यप्रदेश के अब तक के सबसे बड़े अार्थिक घोटाले ई-टेंडर में अब ईओडब्ल्यू नौकरशाहों से पूछताछ करने वाली है। सोमवार से सरकारी विभागों के ई टेंडर में शामिल नौकरशाहों से सवालों की सूची के साथ विवेचना अधिकारी आमने-सामने होंगे। अब तक ईओडब्ल्यू प्रायवेट कंपनियों और उनसे जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही थी जिनमें से पांच लोग जेल में हैं।
ई टेंडर घोटाले में 2016 से लेकर अब तक के टेंडरों की जांच करने वाली ईओडब्ल्यू ने सोमवार से अपनी विवेचना की दिशा सरकारी महकमों की तरफ करना शुरू की है। अब तक जिन ई टेंडरों की ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की है उनमें जल निगम, आरडीसी, पीडब्ल्यूडी, सहित कई टेंडर हैं। इन टेंडरों में सरकार के जिन अधिकारियों के पास प्रक्रिया की गोपनीयता की थी, उन पर ही शंका के बादल मंडराने लगे हैं। इन अधिकारियों के पास जो डिजिटल की थी, उसकी न तो कोई कॉपी कर सकता न ही बिना संबंधित अधिकारी की सहमति के इस्तेमाल कर सकता। इसके बिना कोई डीएसएल की का उपयोग करता भी है तो वह अवैध है। अगर की का टेंडर खोले जाने के पहले इस्तेमाल किया जाता है तो भी कंप्यूटर टेंडर खुलते समय सूचना देकर बता देता है कि इसमें कुछ बदलाव किया गया है। अगर कोई अधिकारी ने यह संदेश देखने के बाद भी ठोस कदम नहीं उठाए तो उसकी जिम्मेदारी मानी जाएगी। कुल मिलाकर ई टेंडर में अब नौकरशाहों डाटा तो बने मगर वह सही काम के लिए हो। ई टेंडर घोटाले में पुलिस के निचले क्रम का स्टाफ शामिल होने की सूचना भी लेकिन ऐसे लोगों की जगह बड़े मगरमच्छ पर ध्यान देना चाहिए।
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