मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शहर के भीतर लहारपुर के एक खेत में डेढ़ साल से एक महिला को उसके ही परिवार वालों ने एक कमरे में कैद कर रखा था। उनका कहना था कि महिला विक्षिप्त थी और अप्रिय घटना की आशंका में उन्होंने उसे कमरे में बंद रखा था। भूखी प्यासी हालत में उसे समाजसेवियों की सूचना पर पुलिस ने रेस्क्यू कर इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया और परिवार को काउंसिलिंग कर समझाइश दी गई। पढ़िये रिपोर्ट।
भोपाल के भेल टाउनशिप से लगे बरखेड़ा पठानी क्षेत्र में लहारपुर के एक खेत में एक महिला कमरे में करीब डेढ़ साल से बंद थी। जेजे बोर्ड के सदस्य डॉ. कृपाशंकर चौबे ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस कमिश्रर हरिनारायणचारी मिश्र के निर्देश पर पुलिस की टीम सामाजिक संस्था लक्ष्मीनारायण आनंदम क्लब के मोहन सोनी और डाॅ. जीशान, अयान खान, समाजसेवी मानकीदेवी और सुलक्षणा यादव के साथ लहारपुर के खेत में पहुंची। वहां एक दुबली पतली और कई दिनों से बिना नहाये पड़ी एक महिला कमरे में मिली। समाजसेवियों और पुलिस को देखकर वह उग्र हो गई। उसे बमुश्किल कमरे से रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया। फिर उसे नहलाया व फिर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहां उसका इलाज चल रहा है।
भूख से कमजोर हो गया शरीर
पुलिस व समाजसेवियों की रेस्क्यू टीम ने जब महिला को कमरे से बाहर निकाला तो उसकी हालत बेहद कमजोर थी और उसके शरीर को देखकर लग रहा था कि वह कई दिनों से भूखी थी। उसका वजन काफी कम था। देखकर लगता था कि खाने के अलावा उसने कई दिनों से नहाया भी नहीं है। टीम ने महिला के सिर के बाल काटने के बाद उसे स्नान कराया। मेडिकल चेकअप करने के बाद उसे समाजसेवियों की मदद से हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया।
परिजनों को दी समझाइश
पुलिस की टीम ने महिला का रेस्क्यू करने और अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उसके पति, बेटे एवं सास को समझाइश दी कि अब उसका पूरा ध्यान रखें।भविष्य में भी उसका इलाज कराते रहें। महिला के पति ने रेस्क्यू टीम को बताया कि उसकी पत्नी करीब डेढ़ साल से मानसिक रूप से विक्षिप्त है। वह पास जाने पर उग्र हो जाती है, अभद्रता करती है। कोई अप्रिय घटना न हो, इसके कारण उसे कमरे में बंद कर रखा था।
Leave a Reply