सीबीआई ने साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा निजी कंपनी के मालिक व साझेदार के साथ मिलकर करीब छह करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया। इन लोगों ने रिकॉर्ड में हेराफेरी करके एसईसीएल को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया। सीबीआई ने वरिष्ठ सर्वेक्षक (तत्कालीन कोलियरी सर्वेक्षक), जामपाली ओपन कास्ट माइन (ओसीएम), रायगढ़ क्षेत्र और एक निजी कंपनी के साझेदारों के खिलाफ मामला दर्ज करके तलाशी ली। पढ़िये रिपोर्ट।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सीनियर सर्वेयर, (तत्कालीन कोलियरी सर्वेक्षक), जामपाली ओपन कास्ट माइन (ओसीएम), रायगढ़ क्षेत्र (छत्तीसगढ़) और एक निजी निर्माण कंपनी के भागीदार सहित दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह आरोप लगाया गया था कि साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल), बिलासपुर ने प्रबंधन/इंजीनियर के निर्देशानुसार ओवर बर्डन (ओबी) हटाने के लिए हेवी अर्थ मूविंग मशीन (एचईएमएम), इसकी संबद्ध गतिविधियों और गारलैंड ड्रेन के लिए अर्थ वर्क के काम के लिए निविदा जारी की। जामपाली ओसीएम (ओपन कास्ट माइन), रायगढ़ क्षेत्र, छत्तीसगढ़ के प्रभारी और यह काम दो निजी निर्माण कंपनियों के संयुक्त उद्यम को सौंपा गया था।
यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी सीनियर सर्वेयर, (तत्कालीन कोलियरी सर्वेक्षक), जामपाली ओसीएम, रायगढ़ क्षेत्र ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके एक अन्य आरोपी (मृत बताया गया), एक निजी कंपनी के मालिक और एक अन्य निजी कंपनी के भागीदार (आरोपी) के साथ आपराधिक साजिश रची। निर्माण कंपनी ने ओबीआर (ओवरबर्डन रिमूवल) मात्रा के रिकॉर्ड में हेराफेरी की और फर्जी रिकॉर्ड के आधार पर एसईसीएल को छह करोड़ 10 लाख 26 हजार 141 रुपये की धोखाधड़ी करने के इरादे से उक्त संयुक्त उद्यम कंपनियों को अतिरिक्त भुगतान किया गया। सीबीआई द्वारा आज जिला उमरिया (एमपी) और रायपुर (छत्तीसगढ़) में आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है।
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