-
दुनिया
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा आंबेडकर संविधान जलाना चाहते थे, मनुस्मृति को तो गंगाधर सहस्त्रबुद्धे ने जलाया
-
यादव ने गांधी सागर में 2 चीतों के छोड़ा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य में चीतों के छोड़े जाने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गाँधी सागर अभयारण्य में 2 चीते छोड़े जाने का अवसर प्रसन्नता का विषय है। इस लुप्त प्रायः प्रजाति के वन्य प्राणी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से सितंबर 2022 में मध्यप्रदेश में पहली बार लाया गया था। अब इन चीतों का कुनबा बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मंदसौर जिले के गाँधी सागर अभयारण्य में 2 चीतों को छोड़ा जाना एक महत्वपूर्ण कदम है। “चीता प्रोजेक्ट” मध्यप्रदेश की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य भारत में चीतों की संख्या बढ़ाना और उनकी प्रजाति को बचाना है। इसमें हमें सफलता भी मिल रही है। गाँधी सागर अभयारण्य प्रदेश का दूसरा ऐसा स्थान है, जहाँ चीतों को बसाया जा रहा है। वन्य जीव पर्यटन की दृष्टि से आज एक ऐतिहासिक दिन है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चीतों की संख्या बढ़ाने के लिए दक्षिण अफ्रीका, केन्या और बोत्सवाना से चीतों को लाकर मध्यप्रदेश के जंगलों में बसाया जा रहा है। श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में 26 चीते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों में भी चीता पुनर्स्थापन के प्रयास हुए लेकिन उतनी सफलता नहीं मिल सकी। भारत में यह प्रोजेक्ट सफल हो रहा है। यहां चीतों की सर्वाइवल की दर अन्य देशों की अपेक्षा सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश के वन और वातावरण चीतों के अनुकूल है। प्रदेश में कूनो के बाद गांधी सागर भी इनका घर बन रहा है। गाँधी सागर पश्चिमी मध्यप्रदेश में स्थित एक वन्य अभयारण्य है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह अभयारण्य प्रदेश के उज्जैन संभाग में मंदसौर और नीमच जिले में फैला हुआ है। कई सौ साल पहले क्षेत्र में जरूर चीते रहे भी होंगे। विलुप्त होने के वर्षों बाद अब उनका पुनः आगमन वन्य जीव पर्यटन के लिए भी शुभ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गांधी सागर अभयारण्य शैल चित्रों के लिए विश्व प्रसिद्ध चतुर्भुज नाला का हिस्सा है। निश्चित ही क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में विरासत के संरक्षण के साथ-विकास के मंत्र पर मध्यप्रदेश कार्य कर रहा है।
Posted in: bhopal, bhopal news, desh, Uncategorized, अन्य, आपकी आवाज, हमारी कलम, दुनिया, देश, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश, राज्य
Tags: bhopal, bhopal hindi news, bhopal khabar, bhopal khabar samachar, india, madhya pradesh, madhya pradesh . india
Leave a Reply