- 18 हजार 36 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन परियोजना को स्वीकृति, 309 किमी लंबी रेल लाइन पर 30 नए रेलवे स्टेशन बनेंगे इससे प्रदेश के जनजातीय बहुल आकांक्षी जिला बड़वानी, धार, खंडवा, खरगोन, इंदौर सहित निकटवर्ती जिले लाभान्वित होंगे।
- भारत सरकार द्वारा प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण और सुदृढ़ीकरण के लिए 3 हजार 500 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत।
- मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 8,565 ग्राम 19,378 किलोमीटर लंबी सड़कों से बारहमासी मार्ग से जुड़े।
- 14440 करोड़ रुपये की लागत से भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल निर्माणाधीन।
- विंध्य क्षेत्र को मिली बड़ी सौगात। मध्यप्रदेश का छठा एयरपोर्ट, रीवा एयरपोर्ट का शुभारंभ।
- ग्वालियर में देश में सबसे कम समय में बनकर तैयार हुए, मध्यप्रदेश के सबसे बड़े राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट का उद्घाटन हुआ।
केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में लगातार अग्रणी मध्यप्रदेश
- पीएम स्व-निधि योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पीएम आवास योजना, कृषि अवसंरचना निधि, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, स्वामित्व योजना, नशामुक्त भारत अभियान, आयुष्मान भारत योजना, मछुआ क्रेडिट कार्ड योजना, राष्ट्रीय पशु रोगनियंत्रण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन और स्वच्छ भारत मिशन में मध्यप्रदेश लगातार अग्रणी है।
मध्यप्रदेश का रोड-मेप
विकसित भारत के सपनों को पूरा करने, विकसित मध्यप्रदेश के लिए हमने रोड-मेप तैयार किया है। इसके कुछ महत्वपूर्ण निर्णय आपको बताना चाहता हूँ:-
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना किया जायेगा।
एक लाख 25 हजार अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेने वाले कृषकों को सौर ऊर्जा के पम्प प्रदाय किये जाएंगे। अगले चार वर्ष में सौर ऊर्जा पम्प प्रदाय कर किसानों को विद्युत आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनाया जायेगा।
- कृषि फसलों के विविधिकरण की पहल
कृषि फसलों के विविधिकरण की पहल की जाएगी, जिससे किसानों की आय में बढ़ौत्तरी हो। अधिक दाम प्रदान करने वाली फसलों की ओर किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा।
- सिंचित क्षेत्र दोगुना करने का लक्ष्य
प्रदेश में वर्तमान में 50 लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र है। अगले पाँच वर्षों में इसे दोगुना (1 करोड़ हेक्टेयर) किया जायेगा।
- पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज
वर्तमान में 17 शासकीय मेडिकल कॉलेज है तथा 13 प्रायवेट मेडिकल कॉलेज है। पीपीपी मोड पर 12 और 8 शासकीय मेडिकल कॉलेज चालू किये जायेंगे।
प्रदेश में दुग्ध समितियों का विस्तार किया जायेगा। वर्तमान में प्राथमिक दुग्ध समितियां 8,500 गाँवों में ही है। एक वर्ष में 15 हजार गांवों तथा 4 वर्षों में प्रदेश के समस्त गाँवों तक दुग्ध समितियां गठित की जायेंगी।
- एसएचजी को बनाएंगे जन आंदोलन
महिला स्व-सहायता समूह को जन आंदोलन बनाया जायेगा। वर्तमान में 25 लाख महिलाएं स्व-सहायता समूह से जुड़ी है। यह संख्या चार वर्ष में 50 लाख तक बढ़ाई जायेगी।
- यात्रियों की सुविधा के लिए परिवहन सुवधिा
यात्रियों की सुविधा के लिए पूरे प्रदेश में बसों के लिये परिवहन कंपनी बनाकर संचालन किया जाएगा।
- युवाओं को नौकरी और स्व-रोजगार
वर्ष-2025 को उद्योग एवं रोजगार-वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। जिसमें युवाओं को शासकीय नौकरी के साथ स्व-रोजगार से जोड़ने का वृहद स्तर पर कार्य होगा। एक लाख सरकारी भर्तियां की जाएंगी।
- मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का गठन
प्रदेश में मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (महानगर) का गठन किया जाएगा। इंदौर-उज्जैन-देवास-धार को मिलाकर एक तथा भौपाल-सीहोर रायसेन विदिशा-ब्यावरा (राजगड) को मिलाकर दूसरा मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनाया जाएगा।
जिला/विकासखण्ड/तहसीलों/अनुविभागों का पुनर्गठन किया जायेगा।
- क्षेत्रीय वित्त्तीय आर्थिक विकास केन्द्र
भारत सरकार के विजन के अनुरूप राज्य के सभी संभाग मुख्यालयों जैसे ग्वालियर, सागर, रीवा, जबलपुर, नर्मदपुरम्, शहडोल आदि को भी क्षेत्रीय आर्थिक विकास केंद्र (Regional Economic Growth Hub) के रूप में विकसित करने की अवधारणा के साथ कार्ययोजना बनाई जाएगी।
प्रदेश में संतुलित नगरीय विकास को गति देने तथा आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए पुनर्घनत्विकरण (Redensification) तथा पुनर्विकास (Redevelopment) नीति के अतिरिक्त एकीकृत टाउनशिप नीति (Integrated Township Policy) तैयार की जाएगी जिसमें निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 अंतर्गत प्रदेश के शहरी गरीब परिवार जो प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रथम चरण अंतर्गत किसी कारणवश लाभ प्राप्त नहीं कर पाये ऐसे सभी शहरी गरीब तथा मध्यम आय वर्ग के हितग्राहियों को आवास प्रदान किए जाएंगे।
- खाली मिलों की भूमि पर शहरी प्रोजेक्ट
खाली मिलों जैसे हुकुमचंद/श्री/विनोद मिल एवं अन्य शहरों में खाली पड़ी शासकीय भूमियों पर शहरी प्रोजेक्ट लांन्च किए जायेंगे।
- श्रीराम-वन-पथ-गमन, श्रीकृष्ण पाथेय
श्रीराम-वन-पथ-गमन तथा श्रीकृष्ण पाथेय का निर्माण किया जायेगा।
निर्माणाधीन महाकाल महालोक उज्जैन, संत रविदास लोक सागर, माँ नर्मदा महालोक अमरकंटक, देवी अहिल्या लोक खरगोन, नागलवाड़ी लोक बड़वानी, देवी लोक सलकनपुर, श्री रामराजा लोक ओरछा, जाम साँवली श्री हनुमान लोक-पांढुर्णा, श्री पशुपतिनाथ लोक मंदसौर, श्री परशुराम लोक जानापाव, महाराणा प्रताप लोक भोपाल, भादवामाता लोक नीमच, माँ पीताम्बरा लोक दतिया और माता मंदिर लोक रतनगढ़ को पूरा किया जायेगा।
10 दुधारू पशु पालने पर अनुदान तथा दुग्ध उत्पादन पर बोनस दिया जायेगा।
हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन का विकास किया जायेगा।
- जीवनदायिनी नर्मदा-निर्मल एवं प्रवाहमान
जीवनदायिनी नर्मदा को निर्मल जल प्रवाहमान रखने के लिये कार्ययोजना बनाकर अमल में लाया जाएगा।
कान्ह-गंभीर की तर्ज पर नदी जोड़ो परियोजनाएं स्वीकृत की जायेंगी।
प्रदेश की सभी गौ-शालाओं का सुचारू संचालन किया जायेगा।
- जल संवर्धन-जनकल्याण अभियान प्रतिवर्ष
जल संवर्धन अभियान और जनकल्याण अभियान प्रतिवर्ष आयोजित किये जायेंगे।
प्रदेश को नक्सल मुक्त किया जायेगा।
- सर्व वर्ग का विकास – 4 मिशन
प्रदेश में 4 मिशन (युवा, नारी, किसान और गरीब कल्याण) 26 जनवरी से प्रारंभ किए जायेंगे।
- विद्युत उत्पादन में बढ़ोत्तरी
प्रदेश में वर्तमान में कुल विद्युत उपलब्ध क्षमता 23 हजार 30 मेगावाट है। आगामी 5 वर्षों में कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 31 हजार मेगावाट करने का लक्ष्य है।
संकल्प-पत्र की पूर्ति
प्रदेश की उन्नति और प्रगति के साथ जनता को खुशहाल बनाने के लिये हमारी सरकार का जो संकल्प-पत्र था, उसपर चरणबद्ध तरीके से तेजी से कार्य हो रहा है। प्रदेश के विकास और जनता के हित में तय किये गये 456 संकल्पों में एक साल के अंदर 45 संकल्प पूरे किये जा चुके हैं और 268 संकल्पों पर तेजी से कार्य चल रहा है। आगे आने वाले 4 वर्ष में हम एक-एक संकल्प पूरा करेंगे।
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