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परिवहन के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा जब उसकी मर्जी हुई कोर्ट में सरेंडर के लिए पेश हुआ, न ED ढूंढ सकी न लोकायुक्त पुलिस

हिंदी फिल्मों की भांति मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने यह साबित कर दिया कि ईडी या लोकायुक्त पुलिस को उसकी इच्छा के बिना उसके करीब तक नहीं पहुंच सकते। करीब एक महीने से फरार शर्मा सोमवार को अपनी इच्छा से ही अदालत पहुंचा मगर केस डायरी कोर्ट में नहीं होने की वजह से उसका सरेंडर का इरादा पूरा नहीं हो सका। वह अदालत आया और किसी को भनक लगती इसके पहले ही वह गायब हो गया। अब 28 जनवरी को फिर से अदालत ने उसे बुलाया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां लोकायुक्त पुलिस ने 19 दिसंबर 2024 को छापा मारा था जिसमें करीब ढ़ाई करोड़ रुपए से ज्यादा की नकद राशि सहित 40 किलोग्राम चांदी, विदेशी मुद्रा आदि जप्त किया था। मगर सौरभ शर्मा नहीं मिला। उसके साथी चेतन गौर के यहां भी उसी दिन छापा मारा गया था और उससे लोकायुक्त पुलिस ने पूछताछ भी की थी। सौरभ व उसके साथियों के यहां लोकायुक्त पुलिस के बाद आयकर, ईडी की नजर आए लेकिन उसी दौरान सौरभ के नजदीकी की गाड़ी में 52 किलोग्राम सोना सहित नकद राशि, चांदी आदि मिलने के बाद यह मामला और गंभीर हो गया। उसके बाद ईडी ने रेड कॉनर्र नोटिस भी जारी किया गया क्योंकि उस समय यह आशंका जताई गई कि वह भारत छोड़कर चला गया है। उसके दुबई में पत्नी के साथ होने की खबरों के बीच यह भी खबरें उड़ीं कि वह अपनी मां से मिला है। यानी लोकायुक्त पुलिस ने ही नहीं ईडी को भी उसकी सही लौकेशन पता नहीं चल पा रही थी।
अदालत में पहुंचने पर भी कई सवाल खड़े हुए
सौरभ शर्मा को 19 दिसंबर से लेकर आज तक लोकायुक्त पुलिस से लेकर ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी पता नहीं लगा पाए कि वह भारत में है या विदेश में। सौरभ ने साबित कर दिया कि जब वह नहीं चाहे तो न लोकयुक्त पुलिस उसका सुराग लगा सकती है और न ही ईडी को उसके ठिकाने का कुछ पता लग सकता। सोमवार को जब वह अदालत पहुंचा तो भी किसी को कानों कान खबर नहीं लगी कि सौरभ शर्मा भोपाल में है और जिला अदालत पहुंच रहा है। वह जब पहुंचा तो कोर्ट में केस डायरी नहीं होने पर न्यायाधीश ने उसे 28 जनवरी को डायरी आने पर पेश होना पड़ेगा।
जब अदालत से चला गया तब भीड़ जुटी
पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा अदालत पहुंचने के बाद वहां से चला गया और तब उसके अदालत में होने की खबरें फैली। मीडिया की टीमें अदालत में पहुंच गईं। उस समय तक सौरभ शर्मा अदालत से जा चुका था। मीडिया के लोग अदालत के कर्मचारियों व वकीलों से उसकी जानकारी लेते देखे गए। वहीं, सौरभ शर्मा के वकील राकेश पाराशर उसका आवेदन लेकर अदालत में पेश हुए जिसमें सौरभ के अदालत के सामने पेशकर गिरफ्तारी देने का जिक्र था। अब 28 जनवरी को अदालत ने उसे बुलाया है लेकिन उसके अब अदालत में पेश होे को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है।
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