मध्य प्रदेश कांग्रेस की जीतू पटवारी की नई कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की बैठक में सचिव बनाए गए एक नेताजी ने अपना कुछ इस तरह परिचय दिया कि प्रदेश अध्यक्ष पटवारी को बताना पड़ा कि मैंने ऐसे पदाधिकारियों से माफी मांग ली है। आखिर सचिव बनाए गए किस पदाधिकारी ने ऐसा परिचय दिया कि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को भरी बैठक में माफी की बात का खुलासा करना पड़ा, पढ़िये हमारी विशेष रिपोर्ट में बैठक के कुछ ऐसे संवादों का संक्षिप्त विवरण।
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में तीन सप्ताह पहले बनाई गई कमेटी के उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव, सहसचिवों की पहली बैठक में शुक्रवार को अच्छी उपस्थिति रही जो गुरुवार को आयोजित नवगठित कार्यकारिणी की पॉलीटिकल अफेयर्स कमेटी व विशेष आमंत्रित-स्थायी आमंत्रितों की बैठक की तुलना में ज्यादा रही। हालांकि नवगठित कार्यकारिणी से नाराज होकर इस्तीफा देने वाले पदाधिकारी बैठक से दूर ही रहे। बैठक में महासचिव से सचिव बनाए गए नेताओं ने अपना दर्द बयां किया तो अनुशासन की बार-बार बातें दोहराए जाने पर एक विधायक ने टोक ही दिया कि अनुशासन के नाम पर किसी भी छोटे-मोटे बात पर डंडा नहीं चलाया जाए।
पदावनत नेता ने अपनी बात यूं रखी
नर्मदापुरम संभाग के आदिवासी बहुल जिले बैतूल के नेता समीर खान को जब बोलने का अवसर दिया गया तो उसने अपना परिचय दिया। समीर ने एनएसयूआई-यूथ कांग्रेस से लेकर कांग्रेस में मिले पदों का जिक्र किया। कहा वे इसके पहले कांग्रेस के महासचिव थे और अभी घोषित कार्यकारिणी में सचिव हैं। उनके इस परिचय पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने टोका और कहा कि जब वे इस तरह के प्रकरणों को लेकर सबसे माफी मांग चुके हैं तो यहां ऐसी बात नहीं की जाना थी। समीर ने कहा कि वे तो अपना परिचय दे रहे हैं, सचिव पद पर नियुक्ति का विरोध नहीं कर रहे हैं।
अनुशासन की बातें मंच से दोहराई गईं
नवगठित कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव-सह सचिवों को मंच से बार-बार अनुशासनबद्ध रहने की बातें कही गईं तो विधायक दिनेश गुर्जर ने उठकर कहा कि अनुशासनहीनता क्या मानी जाएगी, उसकी गाइड लाइन तय हो जाना चाहिए। किसी भी छोटी-मोटी बात पर किसी को अनुशासनहीनता के नाम पर दंडित नहीं किया जाए।
पदाधिकारियों को फोन, सीनियर्स से चर्चा तक नहीं
कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन पॉलीटिकल अफेयर्स कमेटी व विशेष-स्थायी आमंत्रितों की बैठक में शामिल होने के लिए पीसीसी के जिम्मेदारों की तरफ से सीधे फोन या संपर्क नहीं किया गया जबकि इनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ही होते हैं। यही वजह रही कि कमलनाथ-दिग्विजय सिंह, उमंग सिंगार-अजय सिंह-अरुण यादव, डॉ. गोविंद सिंह से लेकर कमलेश्वर पटेल, विभा पटेल तक बैठकों से दूर रहे। हालांकि पीसीसी के जिम्मेदारों ने दिग्गज नेताओं के बैठक से दूर रहने के मामले में लीपापोती करने के लिए उनके पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में व्यस्तता, शादी-ब्याह में शामिल होने व बीमारी जैसे कारण गिनाए। वहीं, शुक्रवार को उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव और सह सचिवों की बैठक के लिए पीसीसी चीफ पटवारी और अन्य जिम्मेदारों ने नव नियुक्त पदाधिकारियों को फोन लगाकर बैठक में शामिल होने के लिए संपर्क किया।
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