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जो एनजीओ चाइल्ड लाइन का काम कर रही थी वही अवैध बाल गृह चलाती मिली, 68 का रिकॉर्ड मिलीं 41 बच्चियां

भोपाल के तारासेवनिया के पास चाइल्ड लाइन की जिम्मेदारी संभालने वाले एनजीओ द्वारा आंचल नाम से बाल गृह चलाया जा रहा था जहां राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो व सदस्यों को 68 बच्चियों का रिकॉर्ड मिला था। मगर वहां मौके पर केवल 41 बच्चियां मिलीं। बाल गृह भी अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। इस अवैध बाल गृह के संचालन को लेकर नव पदस्थ कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया है तो आयोग ने चाइल्ड लाइन की ऐसे एनजीओ को जिम्मेदारी दिए जाने को पूर्ववर्ती सरकार के कैबिनेट फैसले की आलोचना की है। पढ़िये रिपोर्ट।
राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो और आयोग के उनके सहयोगी सदस्यों ने तारासेवनिया में आंचल बाल गृह का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया था। यह बाल गृह आबादी से दूर सुनसान इलाके में संचालित हो रहा था। निरीक्षण में आयोग ने पाया कि बाल गृह न तो पंजीकृत है न ही मान्यता प्राप्त है। साथ ही यहाँ जो बच्चियाँ रेस्क्यू कर के लाई गई, सीडब्लूसी को उसकी सूचना भी नहीं दी गई। न ही अन्य शासकीय प्रक्रियाओं का पालन किया गया। इस पर आयोग द्वारा संस्था के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज कराई गई।
निरीक्षण में मिलीं थी 41 बच्चियां
आयोग के निरीक्षण दौरान बाल गृह में 41 बच्चियां मिली थीं जिन्हें प्रशासन द्वारा पंजीकृत बाल गृह में शिफ्ट किया गया। इसी के साथ कुछ बच्चियों के फॉर्म वहाँ मिले पर वे उपस्थित नहीं मिली, उनके संबंध में पूछने पर संस्था द्वारा बताया गया कि बच्चियाँ अपने घर वापस चली गई है, जिसका पुलिस द्वारा सत्यापन किया जा रहा है। 12 बच्चियाँ अपने घरों पर मौजूद मिली शेष बच्चियों का पुलिस के द्वारा सत्यापन करने की बात सामने आई।
सरकारी जिम्मेदारों पर एक्शन
मामले में पाई गई लापरवाही पर सीडीपीओ बृजेन्द्र प्रताप सिंह (वर्तमान पदस्थापना गंजबासौदा),सीडीपीओ श्रीमती कोमल उपाध्याय को निलंबित किया गया है।साथ ही महिला बाल विकास अधिकारी सुनील सोलंकी एवं सहायक संचालक महिला बाल विकास रामगोपाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
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