देश के प्रतिष्ठित वीआईटी ग्रुप के भोपाल के पास सीहोर जिले में एक संस्थान है जहां संस्थान के कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए छात्रों ने बीती रात जमकर हंगामा किया। संस्थान में न केवल तोड़फोड़ की गई बल्कि कई गाड़ियों को जला दिया गया। प्रबंधन ने देर रात को अवकाशों की घोषणा कर दी तो वहीं निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने एक जांच कमेटी बना दी है। मगर छात्रों का आरोप है कि कुप्रबंधन की शिकायतों पर उन्हें धमकाया जाता है। पढ़िये रिपोर्ट।
वीआईटी विश्वविद्यालय सीहोर के छात्रों का आरोप है कि उनके छात्रावासों में कुप्रबंधन की वजह से दूषित भोजन, दूषित पानी जैसी अव्यवस्था फैली है और जब इसकी शिकायतें की जाती हैं तो उन्हें धमकाया जाता है। अवैध फीस वसूली की जाती है। धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप किया जाता है और पानी जैसी मूलभूत जरूरत भी विकराल समस्या बन चुकी है। बीती रात को जब छात्रों का गुस्सा फूटा तो वीआईटी संस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति बन गई। तोड़फोड़, गाड़ियों को जलाए जाने की घटना हुई। देखते ही देखते संस्थान में गुस्साए छात्रों की वजह से अराजकता का माहौल बन गया। रात को ही संस्थान के प्रबंधन ने बुधवार से अवकाश की सूचना जारी कर दी है और सोशल मीडिया पर यह वायरल किया गया तो सुबह डरे-सहमे छात्र अपना-अपना सामान लेकर संस्थान छोड़ते भी नजर आए।
एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन
वीआईटी में अव्यवस्थाओं को लेकर एनएसयूआई ने विरोध प्रदर्शन किया और निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष खेम सिंह डेहरिया से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने वीआईटी विश्वविद्यालय सीहोर में हुई घटनाओं की जानकारी दी और कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। प्रबंधन ने समस्या का समाधान करने की बजाय 30 नवंबर तक अवकाश घोषित कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का प्रयास किया। एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि संस्थान के दूषित भोजन से 100 से अधिक छात्रों का बीमार हो गए थे। छात्रावासों में लगातार खराब भोजन दिए जाने की शिकायतों के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। छात्रों के विरोध प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की गई।
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