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प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी तय नहीं, कक्षों में नामों की तख्तियों से हटवाए गए नाम
मध्य प्रदेश कांग्रेस में विधानसभा चुनाव 2023 में हार के बाद नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी आठ महीने बाद भी अपनी कार्यकारिणी नहीं बना सके हैं। इस बीच जिन लोगों के कक्षों के सामने उनके नामों की तख्तियां लग गई थीं, उन्हें हटवा दिया गया है। पीसीसी के एक आदेश के बाद यह एक्शन हुआ जिसमें अभी भी कुछ तख्तियों से नाम नहीं हटे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के इंदिरा भवन को पूर्व अध्यक्ष कमलनाथ ने बेसमेंट में काम कराकर नया रूप दिया था तो उनके बाद बने अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भूतल से लेकर तीसरी मंजिल तक का कायाकल्प कर दिया है। लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के बीच भी यह काम चलता रहा। पहली व दूसरी मंजिल के बेतरतीव कक्षों को सलीके के साथ डिजाइन किया गया तो तीसरी मंजिल पर प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष से लेकर अन्य कक्षों में भी बदलाव किया गया। अभी यह काम चल ही रहा है।
भवन के कायाकल्प पर जोर, संगठन कमजोर
कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय के भवन का कायाकल्प तो पिछले छह साल के दौरान काफी किया गया लेकिन संगठन कमजोर होता गया। पहले पदों की बंदरबाट कर पदों की ताकत को कम की गई तो अब कार्यकारिणी के अभाव में चंद नेताओं के हाथों में संगठन की बागडोर है। आठ महीने पहले प्रदेश अध्यक्ष बदले गए और कुछ समय तक एआईसीसी के प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह व पीसीसी चीफ जीतू पटवारी कहते रहे कि जल्द ही बड़े बदलाव के साथ कार्यकारिणी आएगी। मगर अब उस बारे में कोई चर्चा तक नहीं कर रहा है।
खुद ने तख्तियां लगवाईं, खुद हटवा रहे
पार्टी के भवन के कायाकल्प के दौरान नए डिजाइन की नाम पट्टिका लगाई गई और कई नेताओं के नाम, नाम पट्टिका में लिखकर लगाए गए। अब उन्हें तख्तियों में लिखे गए नामों को मिटवाने का काम पीसीसी कर रही है। इसके लिए एक लिखित आदेश भी जारी किया गया। इस आदेश के पालन में शनिवार को देखा गया कि भूतल पर जिन नेताओं के कक्ष थे सभी के नामों को हटा दिया गया। इनमें नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, मीडिया प्रभारी मुकेश नायक, पीसीसी चीफ के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा के नाम प्रमुख हैं। तीसरी मंजिल के कक्षों के बाहर लिखे गए कुछ अन्य नेताओं के नाम अभी नहीं मिटवाए गए हैं। पीसीसी के आदेश में कहा गया कि केवल तीन संगठन प्रभारी राजीव सिंह, प्रशासन प्रभारी संजय कामले और कोषाध्यक्ष अशोक सिंह का नाम, नाम पट्टिका में लिखा रहेगा। मगर इसमें एक लाइन यह भी लिखी गई है कि इसमें भी परिवर्तन संभव है।
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