घायल टाइगरों को जंगल से रेस्क्यू करने स्पेशल ट्रेन चली, देखिये कहां का है मामला

रेलवे ने भोपाल-बुदनी के बीच ऐसा अनोखा टाइगर रेस्क्यू ऑपरेशन किया जिसमें स्पेशल रेस्क्यू ट्रेन चलाई गई। सीहोर के बुदनी के पास से टाइगर के दो घायल शावकों को इलाज के लिए भोपाल लाने यह स्पेशल ट्रेन चली और करीब साढ़े तीन घंटे के भीतर रेस्क्यू ऑपरेशन करते हुए घायल शावकों को भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन लाया गया। पढ़िये इस अनोख रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी रोचक जानकारियां।

पश्चिम मध्य रेल के भोपाल मंडल ने सोमवार को टाइगर रेस्क्यू ऑपरेशन किया। इस अनोखे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पश्चिम मध्य रेल की महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय ने स्पेशल रेस्क्यू ट्रेन चलाने की परमिशन दी। इसके माध्यम से ट्रेन की चपेट में आने से घायल टाइगर के दो शावकों को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर उतारा गया।
रेलवे ने चलाई विशेष ट्रेन
सोमवार को ट्रेन की चपेट में आने से एक बाघ की मौत हो गई थी तथा उसके दो शावक घायल हो गए थे। ये शावक रेलवे ट्रैक के किनारे पड़े थे और संभवतः आंतरिक चोटों के कारण हिल-डुल नहीं पा रहे थे। घटनास्थल मिडघाट और चौका स्टेशन सेक्शन के बीच था दो टनल के बीच था। वहाँ किसी भी प्रकार का वाहन पहुँचना संभव नहीं था। फॉरेस्ट और जिला प्रशासन शावकों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। इस बीच बाघिन भी आसपास ही घूम रही थी जिससे शावकों को उठाना असंभव प्रतीत हो रहा था।
जिला प्रशासन के आग्रह पर रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलाई
गंभीर स्थिति को देखते हुए कलेक्टर सीहोर ने भोपाल रेल मंडल के डीआरएम देवाशीष त्रिपाठी से सहयोग मांगा था और डीआरएम ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंधोपाध्याय को पूरी स्थिति से अवगत कराया। बंधोपाध्याय भोपाल स्टेशन के निरीक्षण पर थीं और उन्होंने त्वरित निर्णय लेते हुए ‘स्पेशल रेस्क्यू ट्रेन’ चलाने की अनुमति प्रदान की।
चार घंटे में ट्रेन घटनास्थल पहुंची
डीआरएम भोपाल ने वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक से चर्चा कर रणनीति बनाकर ‘टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन’ को जल्दी से जल्दी घटनास्थल तक पहुंचाने की कार्रवाई की। मंगलवार की सुबह 9:30 बजे सीहोर जिला प्रशासन से सहयोग मांगे जाने के बाद रेल प्रशासन ने ‘टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन’ वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक और कलेक्टर सीहोर एवं उनकी टीम के साथ रानी कमलापति स्टेशन से 12:25 बजे रवाना की। यह 13:55 पर बुदनी पहुंची जहाँ से ट्रेन के इंजन को रिवर्स कर टनल तक ले जाया गया।
पौने दो घंटे में रानी कमलापति स्टेशन पहुंचे स्पेशल
ठीक 14:50 बजे ट्रेन घटनास्थल पर स्पेशल ट्रेन पहुंची जहाँ फॉरेस्ट और जिला प्रशासन की टीम और चीफ कंजरवेटिव ऑफिसर, डीएफओ, एसडीएम सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। ट्रेन सेक्शन में रुकी और दो जीवित शावकों को कोच में चढ़ाया गया। ट्रेन 15:10 बजे घटनास्थल से रवाना हुई। यहाँ पर उल्लेखनीय है कि ‘टाइगर रेस्क्यू स्पेशल ट्रेन’ का संचालन महिला ट्रेन मैनेजर के निर्देशानुसार किया जा रहा था। ट्रेन 15:45 पर रानी कमलापति स्टेशन पर पहुंची और घायल शावकों को सुरक्षित ढंग से उतारकर फॉरेस्ट और जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंप दिया गया l
साढ़े तीन घंटे में ऑपरेशन पूरा
भोपाल मंडल द्वारा मंडल रेल प्रबंधक के निर्देशन में एक अनोखा और साहसी ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन कुल 3 घंटे 20 मिनट चला जिसमें 132 किलोमीटर की दूरी तय की गई। इस सफल ऑपरेशन ने पश्चिम मध्य रेल की तत्परता और समर्पण को एक बार फिर से सिद्ध किया है।

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