भाजपा में पांचवीं बार सरकार बन चुकी है और पूर्ववर्ती भाजपा सरकारों में जिन नेताओं का दबदबा नजर आता रहा था, वह अब कम होता दिखाई दे रहा है। भोपाल में एक समय विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के विधायक किसी अन्य दावेदार नेता के कार्यक्रम होने पर जिस तरह भौंहें चढ़ाते थे वह दृश्य अब नजर नहीं आ रहे हैं। पढ़िये विशेष रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में भाजपा की नई सरकार के नए मुखिया के रूप में डॉ. मोहन यादव को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने कमान सौंप दी है और बदलाव के इस साइन का अब विधानसभा क्षेत्रों में भी असर दिखाई देने लगा है। भोपाल में जिन विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के विधायक होते थे, वे वहां अपने सिवाय किसी दूसरे दावेदार नेता के कार्यक्रम नहीं होने देते थे। चाहे भोपाल का नरेला विधानसभा क्षेत्र हो या हुजूर या गोविंदपुरा, इन क्षेत्रों में पार्टी के कार्यक्रम हो या अन्य नेता के समर्थक का कोई आयोजन, विधायक महोदय की अघोषित अनुमति एक तरह से अनिवार्य होती रही। हालांकि इसको लेकर पार्टी के नेता व उनके समर्थकों ने कभी खुलकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन दबी जुबान में करीब एक दशक से चली आ रही इस अघोषित परंपरा से वे दुखी होकर आलोचना जरूर करते नजर आए। आज इस अघोषित परंपरा को विधायक रामेश्वर शर्मा के क्षेत्र कोलार में पहली बार टूटते हुए देखा गया।
शर्मा के बिना वीडी-सबनानी ने किया कार सेवक का सम्मान
कोलार क्षेत्र में रहने वाले एक कार सेवक अचल सिंह का मध्य प्रदेश भाजपा की ओर से रविवार को सम्मान कार्यक्रम हुआ। इसमें अचल सिंह के यहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ भोपाल दक्षिण पश्चिम के विधायक भगवानदास सबनानी पहुंचे थे। इन नेताओं ने कार सेवक अचल सिंह के बाबरी मस्जिद ढांचे को ढहाये जाने की घटना में गुम्बद से फिसलने और दोनों पैरों में गंभीर चोट लगने के बावजूद दिए गए योगदान को याद किया और सम्मान किया। इस सम्मान के दौरान क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय रही। गौरतलब है कि हुजूर विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी करने वाले नामों में भगवानदास सबनानी और वीडी शर्मा दोनों के नाम थे लेकिन शर्मा को पार्टी ने पुनः टिकट दिया था। वीडी शर्मा को पार्टी ने विधानसभा चुनाव में नहीं उतारा और सबनानी को भोपाल दक्षिण पश्चिम से टिकट दिया गया।
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