मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बने करीब दस महीने हो गए हैं लेकिन वरिष्ठ विधायकों की नाराजगी कम नहीं हो रही है। अपनी सरकार के कामों पर तीखी टिप्पणियां करते ये नेता, आलोचना के लिए कह रहे हैं या पार्टी के भीतर असंतोष की सुगबुगाहट का प्रतीक है। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को दस महीने हो गए हैं और मंत्रिमंडल में कुछ वरिष्ठ विधायकों को शामिल नहीं किए जाने से अब वे मुखर होते दिखाई दे रहे हैं। सरकार के कामकाज पर उनकी टिप्पणियां आने लगी हैं। वरिष्ठ विधायक जो पूर्व नेता प्रतिपक्ष भी हैं गोपाल भार्गव के पूर्व मंत्री वरिष्ठ विधायक अजय विश्नोई ने सरकार पर निशाना साधा है। रीवा संभाग के नवगठित जिले मऊगंज के एक पुलिस अधिकारी के सामने विधायक प्रदीप पटेल के साष्टांग दंडवत प्रणाम करने पर विश्नोई ने पूरी सरकार को घेर दिया है। उन्होंने प्रदीप पटेल को एक्स पर लिखा है कि उऩ्होंने सही मुद्दा उठाया लेकिन यह भी सवाल किया है कि क्या करे पूरी सरकार ही शराब ठेकेदारों के सामने दंडवत है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले गोपाल भार्गव ने वर्तमान समय में हो रहे महिला अपराधों को लेकर तीखी टिप्पणी की थी। उन्होंने सवाल उठाया था कि क्या वर्तमान परिवेश में हम लोग रावण दहन के अधिकारी हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की टिप्पणी विरोध का प्रतीक तो नहीं
गोपाल भार्गव और अजय विश्नोई की सरकार की कार्यप्रणाली पर सोशल मीडिया पर टिप्पणियों से यह सवाल उठने लगा है कि इन नेताओं का विरोध पार्टी के भीतर के असंतोष का प्रतीक तो नहीं है। हालांकि अजय विश्नोई लंबे समय से नाराज चल रहे हैं और वे शिवराज सरकार के समय भी अपनी ही सरकार को घेरते रहे थे। मगर गोपाल भार्गव की टिप्पणी गंभीर प्रतीत होती है। उनकी टिप्पणी पूरे समाज के लिए भी मानी जा रही है।
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