राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी छतरपुर एसडीएम निशा बांगरे के इस्तीफे को लेकर हाईकोर्ट द्वारा जल्द सुनवाई नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट में पहुंची निशा को अब एक-दो दिन में राहत मिलने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से आज या कल में सुनवाई के आदेश दिए हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
छतरपुर एसडीएम निशा बांगरे सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति के मैदान में उतरना चाह रही थीं और इसके लिए अपने गृह नगर बैतूल जिले के आमला में सक्रिय थीं। इसके तहत ही उन्होंने आमला में गृह प्रवेश और एक अन्य धार्मिक समागम जैसा कार्यक्रम आयोजित किया था। इसके लिए उन्होंने राज्य शासन से अनुमति मांगी थी लेकिन शासन ने अवकाश का आवेदन निरस्त कर दिया। इसके बाद निशा बांगरे और राज्य शासन के बीच टकराव की स्थितियां बनना शुरू हुईं। बांगरे ने इससे नाराज होकर सरकारी नौकरी से तत्काल इस्तीफा देने का फैसला किया लेकिन राज्य शासन ने इस इस्तीफे पर फैसला करने के बजाय लटकाकर रखा।
हाईकोर्ट गईं बांगरे
राज्य शासन ने जब उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया तो वे हाईकोर्ट चली गईं और इस बीच राज्य शासन ने इस्तीफा नामंजूर कर दिया। बांगरे ने राज्य शासन की नीयत पर सवाल उठाते हुए उनके इस्तीफे को स्वीकार करने के बजाय पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर कोई जांच शुरू करने की आशंका के चलते आमला से न्याय यात्रा पर निकल गईं। न्याय यात्रा में उन्हें आमला से भोपाल तक जब समर्थन मिला तो भोपाल में उनकी गिरफ्तारी कर ली गई। इस बीच विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया और आचार संहिता लागू हो गई तो विधानसभा चुनाव लड़ने में सरकारी नौकरी से इस्तीफा मंजूर नहीं होने की बाधा को देखकर वे सुप्रीम कोर्ट चली गईं। वहां बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को आदेश दिया कि वह आज या कल में सुनवाई कर बांगरे के प्रकरण का निराकरण करे।
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