रीवा में शहर के बीच 94 साल के एक बुजुर्ग का 70 साल पुराना निवास है जिस पर भू माफिया या अपराधियों की नहीं बल्कि नेता और अफसरों की नजर है। मकान से लगे हिस्से पर हाउसिंग बोर्ड पुनर्घनत्वीकरण के तहत काम कर रहा है और पुनर्घनत्वीकरण का काम कर रहे ठेकेदार द्वारा बुजुर्ग के मकान एक हिस्से सहित कुछ अन्य निर्माण को गिरा दिया गया है। इससे बुजुर्ग के घर में कैद जैसी स्थिति बन गई है और बुजुर्ग अब मुलाकात करने वाले पहुंचने वालों से गुहार कर रहा है कि वह इच्छा मृ्त्यु के लिए अनुमति दिला दे। पढ़िये वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट।
बुजुर्ग की यह पीड़ा गणेश पांडे की फेसबुक वॉल पर है जिसमें उन्होंने लिखा है…ये है सत्येन्द्रना़थ सान्याल है. जो सुपर स्पेसियलिटी हास्पिटल के सामने वार्ड नं. 17 रीवा के निवासी है……,इनकी उम्र 94 वर्ष की है,ये काफी वृद्धि और बीमार ब्यक्ति है। इनका अपराध यह है, कि इनका मकान शहर के बीचो-बीच स्थित है, जिसे इन्होंने अपने जीवन भर की कमाई से बनाया हैऔर निवास कर रहे हैं,सान्याल जी के कोई औलाद नहीं है, मात्र उनकी एक पुत्री है जो उनसे दूर रहती है, बेटा जवानी में ही खत्म हो गया था,पत्नी की भी मृत्यु हो चुकी है और यह अकेले इस घर में निवास करते हैं..ये उन ईमानदार व्यक्तियों में से हैं, जिन्होंने ताजिंदगी पुलिस विभाग में रहकर देश की सेवा की और उसके बाद तत्कालीन रीवा कलेक्टर श्री लोहानी जी के ड्राइवर हुए थे, रिटायरमेंट के बाद ये इसी घर में निवास करने लगे, लेकिन अब इनका जीना मुश्किल हो गया है, क्योंकि इनके मकान पर सरकारी माफियाओं की नज़र पड़ चुकी है, जिसमें बड़े अधिकारी और नेता आदि शामिल है, इन लोगो द्वारा इनके मकान को चारों तरफ से ऐसे ऑक्युपाइज किया जा रहा है जैसे किसी शिकार को कुत्ते…….दिनांक 7-7.2024 को इस व्यक्ति के ऊपर बड़े ताकतवर लोग…जिन्हे हम और आप मंत्री, विधायक,इंजीनियर,तहसीलदार, एस.डी.एम. और ठेकेदार कहते हैं, इस असहाय बृद्ध के मकान को सरकारी ताकत दिखाकर गिरवा दिया,इनका रास्ता भी बंद कर दिया वर्तमान में ये पूरी तरह से अपने घर में कैद है,.. इनके निकालने का कोई रास्ता वर्तमान में नहीं है, ये बेचारे चाह कर भी अपनी मदद नहीं कर पा रहे है, क्योंकि ये इतने जर्जर है कि ये कही आ-जा नहीं सकते है, इनकी 64 वर्षीय बेटी इनको न्याय दिलाने के लिए तहसील कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, जिला न्यायालय एवं हाईकोर्ट में चक्कर लगा रही है,. वह चाह रही है कि मेरे वृद्ध पिता इस उम्र में बेघर ना हो, तहसीलदार ने इनको बिना नोटिस किए इनका मकान गिरा दिया है, ठेकेदार ने रास्ता भी बंद कर दिया है, रास्ता बंद होने की वजह वह घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, इन्हें कभी भी डॉक्टर या दावाओं की जरूरत पड़ सकती है,
मीडिया के लोग भी इनकी नहीं सुन रहे हैं,…….
ये अब स्वेच्छामृत्यु चाहते हैं, इनसे जब मैंने मुलाकात किया, तब इन्होंने मुझसे यही कहा कि ” यदि आप मेरी मदद करना चाहते हैं तो मुझे न्यायालय से मरने की अनुमति प्रदान करवा दीजिएगा, हम स्वेच्छामृत्यु चाहते है ,” मित्रो ये माफिया, डॉन,गुंडा,किलर और अपराधी के सताए हुए नहीं है, बल्कि ये उन भूखे कुत्तों के शिकार है जो स्वयं को प्रशासनिक अधिकारी और विधायक मंत्री अर्थात जनता के सेवक बताते है,मित्रो मेरा उद्देश्य सिर्फ इतना है कि, जो भी जो भी व्यक्ति इस पोस्ट को देखें कृपया इसे मीडिया एवं प्रशासन के उन व्यक्तियों तक पहुंचाएं, जिनके हृदय में कुछ संवेदना है….
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