-
दुनिया
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
रिटायर्ड डीएसपी को जबलपुर पुलिस द्वारा झूठे मामले में फंसाना का डर, जाने क्या है मामला

जबलपुर में रविवार को एडीएम मिशा सिंह की गाड़ी कथित रूप से तेज रफ्तार जा रही थी जिससे एक रिटायर्ड डीएसपी अशोक राणा बाल-बाल बच गए। इस मामले में राणा ने काफी प्रयास किए लेकिन थाना प्रभारी से लेकर डीजीपी के पीए तक ने कोई एक्शन नहीं लिया। अब उन्हें किसी झूठे मामले में फंसाए जाने का डर सता रहा है। पढ़िये क्या है मामला और रिटायर्ड पुलिस अफसर ने अपनी रिपोर्ट लिखने के लिए कहां-कहां प्रयास किए व किस-किस को शिकायत की।
रिटायर्ड डीएसपी अशोक राणा के मुताबिक रविवार को वे जबलपुर में अपनी दवाइयां लेकर वापस घर लौट रहे थे कि एडीएम मिशा सिंह की गाड़ी के ड्राइवर ने तेज रफ्तार में गाड़ी चलाई। इसकी चपेट में आने से वे बाल-बाल बचे तो उन्होंने गाड़ी रुकवाकर ड्राइवर से सवाल किए। उनके सवालों के जवाब में ड्राइवर ने कहा कि गाड़ी एडीएम मिशा सिंह की है और वे उसमें बैठी हैं। राणा का कहना है कि उन्होंने भी ड्राइवर के गाड़ी चलाने पर कोई नाराजगी नहीं जताई बल्कि पुलिस में रिपोर्ट लिखाने का कहते हुए चली गईं। एडीएम की गाड़ी के ड्राइवर के तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने की रिपोर्ट लिखाने वे जबलपुर के घटनास्थल के नजदीकी सिविल लाइन थाना पहुंचे तो वहां उनकी काफी देर तक किसी ने बात नहीं सुनी। इस पर जबलपुर एडिशनल एसपी, एसपी, डीआईजी तो फोन किया तो किसी ने नहीं उठाया, आईजी उमेश जोगा को लगाया तो उन्होंने फोन उठाकर बात सुनी और जबलपुर सिविल लाइन थाना प्रभारी को निर्देश दिए। वे सिविल लाइन पुलिस थाना फिर पहुंचे मगर आईजी के निर्देश के बाद भी वहां सुनवाई नहीं हुई और लिखित शिकायत देने को कहा जाता रहा। कोई भी सेक्शन 154 या 155 का एक्शन लेने को तैयार नहीं हुआ। फिर डीजीपी के पीए को भोपाल में फोन लगाया तो उन्होंने एकबार तो बात को टालने के अंदाज में सुनकर फोन डिस्कनेक्ट कर दिया और दोबारा फोन नहीं उठाया। इस पूरे घटनाक्रम को राणा ने लिखित रूप में ई-मेल से राष्ट्रपति भवन से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, डीजीपी व अन्य प्रशासनिक-पुलिस अधिकारियों को भेज दिया।
अब झूठे मामले में फंसाए जाने का डर
राणा ने खबरसबकी डॉटकॉम से चर्चा करते हुए बताया कि अब उन्हें जबलपुर पुलिस के अधिकारी एडीजी, डीआईजी, एसपी व एडिशनल एसपी सहित दो रिटायर्ड डीएसपी द्वारा किसी भी झूठे मामले में फंसाए जाने का डर सता रहा है। इस संबंध में राणा ने डीजीपी को फिर शिकायत भेजी है और उनसे न्याय की मांग की है।
Posted in: bhopal news, Uncategorized, अन्य, देश, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश, राज्य
Tags: bhopal, bhopal hindi news, bhopal khabar samachar, crime, india, madhya pradesh, madhya pradesh . india, police
Leave a Reply