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CUSTOMS में जुर्माना कम करने का पर्दाफाश, अधिकारियों-एजेंट-बाहरी व्यक्तियों का गठजोड़, CBI ने की गिरफ्तारी
सीबीआई ने सीमा शुल्क के अधिकारियों, एजेंट और बाहरी व्यक्तियों के गठजोड़ का पर्दाफाश किया है। एक कंपनी को सीमा शुल्क जुर्माना कम करने के एवज ने इस गठजोड़ के माध्यम से अधिकारियों ने 72 हजार रुपए की रिश्वत मांगी और सीबीआई ने पांच लोगों की गिरफ्तारी की जिनमें दो अधिकारी, एक सीमा शुल्का एजेंट व दो बाहरी व्यक्ति शामिल हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
सीबीआई द्वारा छह सितंबर को सीमा शुल्क के एक उपायुक्त, एक अधीक्षक और इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) तुगलकाबाद, दिल्ली के एक अधिकारी सहित सात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली स्थित फर्म के सीएचए, उक्त दिल्ली स्थित फर्म के एक कर्मचारी, मुंबई स्थित फर्म के एक कर्मचारी और दिल्ली स्थित एक निजी व्यक्ति और अज्ञात अन्य सहित चार निजी व्यक्तियों पर आरोप है कि आरोपी लोक सेवक आरोपी से अवैध परितोषण की मांग कर रहे थे और स्वीकार कर रहे थे।
मुंबई की फर्म ने की रिश्वत मांगने की शिकायत
मुंबई स्थित फर्म पर कम जुर्माना लगाने के एवज में उक्त दिल्ली स्थित निजी कंपनी के सीएचए यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी लोक सेवक एक-दूसरे की मिलीभगत से उक्त कस्टम हाउस एजेंट सहित निजी व्यक्तियों के साथ साजिश रचकर आयात/निर्यात खेप और कस्टम बांड से संबंधित लंबित मामलों को निपटाने के लिए विभिन्न निजी पार्टियों से रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आदी थे। यह भी आरोप लगाया गया कि आईसीडी के आरोपी अधिकारी और डीसी (सीमा शुल्क) खेपों के लिए सीमा शुल्क निकासी के लिए आरोपी सीएचए और दिल्ली स्थित फर्म के आरोपी कर्मचारी के साथ नियमित संपर्क में थे और विभिन्न निजी पार्टियों से अवैध संतुष्टि एकत्र कर रहे थे। कथित तौर पर रिश्वत की रकम उक्त आईसीडी अधिकारी ने अपने बैंक खाते में ली थी और उसके बाद आरोपी डीसी को पहुंचा दी थी।
जुर्माने की राशि बातचीत से तय कर रिश्वत मांगी
रिश्वत की शिकायत में आरोप लगाया गया कि नौ अगस्त को आरोपी सीएचए ने उक्त डीसी से संपर्क किया और उनसे उक्त मुंबई स्थित फर्म के बिलों पर न्यूनतम जुर्माना लगाने के लिए कहा। डीसी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनके हिसाब से जुर्माना लगाएंगे मगर इसके लिए 70,000 रुपए की रिश्वत की मांग की। आईसीडी के आरोपी अधिकारी ने दस अगस्त को आरोपी सीएचए से संपर्क किया और पुष्टि की कि डीसी ने कितना जुर्माना लगाया है। खेप पर 70,000 रुपये और रिश्वत की राशि जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए कहा।
सीमा शुल्क एजेंट से संपर्क के बाद रिश्वत अधिकारियों तक पहुंची
यह भी आरोप लगाया गया कि तीन सितंबर को मुंबई स्थित फर्म के आरोपी कर्मचारी ने उक्त सीएचए से संपर्क किया और बताया कि रिश्वत का भुगतान उसे दिल्ली में उक्त डीसी और आरोपी अधीक्षक को आगे की डिलीवरी के लिए सौंप दिया जाएगा। पांच सितंबर को सीएचए ने कथित तौर पर रिश्वत की राशि एकत्र की और आरोपी अधीक्षक को 50,000/- रुपये की रिश्वत राशि दी। आईसीडी, तुगलकाबाद में दिल्ली स्थित फर्म के आरोपी कर्मचारी के माध्यम से। यह भी आरोप लगाया गया कि उक्त सीएचए आरोपी डीसी को रिश्वत के रूप में शेष राशि छह सितंबर को आईसीडी, तुगलकाबाद स्थित उनके कार्यालय में पहुंचाएगा।
सीबीआई ने ऐसे की घेराबंदी
सीबीआई ने छह सितंबर को जाल बिछाया और रिश्वत के आदान-प्रदान के दौरान आरोपी उपायुक्त, आईसीडी के आरोपी अधिकारी और कस्टम हाउस एजेंट (सीएचए) को पकड़ लिया। मुंबई स्थित एक फर्म पर कम जुर्माना लगाने के एवज में 72,000 रु. सीबीआई ने आरोपी अधीक्षक, आईसीडी, तुगलकाबाद को भी गिरफ्तार किया, जिन्हें कथित तौर पर पांच सितंबर को 50 हजार रुपये की अवैध रिश्वत का भुगतान किया गया था। गिरफ्तार आरोपियों को सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, राउज़ एवेन्यू कोर्ट, नई दिल्ली की सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया गया और उन्हें 14 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
एफआईआर में आरोपी का नाम:
(i) श्री ओम प्रकाश बिष्ट, उप. आयुक्त, आईसीडी, तुगलकाबाद, दिल्ली – गिरफ्तार
(ii) श्री अमित कुमार, अधीक्षक, आईसीडी, तुगलकाबाद, दिल्ली – गिरफ्तार
(iii) श्री ओम प्रकाश बिष्ट के चपरासी श्री बिजेन्द्र कुमार, उप. आयुक्त, आईसीडी तुगलकाबाद, दिल्ली – गिरफ्तार
(iv) श्री अशोक यादव, मैसर्स अशोका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस, समालखा, दिल्ली के कस्टम हाउस एजेंट – गिरफ्तार
(v) श्री रविकांत मिश्रा, मेसर्स अशोका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस, समालखा, दिल्ली के कर्मचारी – गिरफ्तार
(vi) श्री उमाचरण माझी, मेसर्स राधा मार्केटिंग, मुंबई के कर्मचारी
(vii) श्री कुलदीप कुमार (निजी व्यक्ति)।
(viii) अज्ञात लोक सेवक और अज्ञात निजी व्यक्ति।
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