आंधी में गिरे पेड़ों को काटने की परमिशन के बदले वन विभाग के रेंजर और डिप्टी रेंजर ने एक वकील से 12 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। वकील ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर दोनों को रंगेहाथों रिश्वत लेते हुए पकड़वाया। पढ़िये रिपोर्ट।
इटारसी के आशफाबाद के एक वकील लोकेंद्र सिंह पटेल की ग्राम दमदम में 35 एकड़ कृषि भूमि है जिस पर एक मेड़ पर लगे सागोन के सा पेड़ पिछले दिनों चली आंधी में गिर गए थे। इन पेड़ों को काटने की विधिवत अनुमति ग्राम पंचायत से प्राप्त करने के उपरांत वन विभाग से टीपी तथा हैमर की अनुमति ली जानी थी।लोकेंद्र ने वन परिक्षेत्र इटारसी के कार्यालय में इस बाबत 28 मार्च को आवेदन दिया था।
आवेदन के पास डिप्टी रेंजर राजेंद्र कुमार नागवंशी लोकेंद्र से टीपी जारी करने के लिए 19000 रुपए अपने लिए एवं अपने अधिकारियों के लिए मांग रहा था। जबकि इन कामों के लिए बहुत ही नॉमिनल शुल्क की रसीद कटती है। आवेदक ने परेशान होकर लोकायुक्त पुलिस भोपाल के एसपी मनु व्यास को शिकायत की। उन्होंने भी आवेदक के साथ लोकायुक्त पुलिस की टीम इंस्पेक्टर रजनी तिवारी, इंस्पेक्टर घनश्याम सिंह मर्सकोले, प्रधान आरक्षक राजेंद्र पावन, प्रधान आरक्षक मुकेश पटेल,आरक्षक मनमोहन साहू,हेमेंद्र को भेजा और डिप्टी रेंजर नागवंशी को 12000 रुपयों की रिश्वत पकड़ा। इसके बाद राजेंद्र नागवंशी ने फोन कर रेंजर श्रेयांश जैन को उनके हिस्से के पैसे देने के बारे में बात की तब योजनाबद्ध तरीके से रेंजर श्रेयांश जैन को रिश्वत के 5000 रुपए आरोपी राजेंद्र कुमार नागवंशी से लेने पर पकड़ा गया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत राजेंद्र कुमार नागवंशी एवम श्रेयांश जैन के विरुद्ध प्रकरण कायम किया गया है।
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