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रेलवे भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला: आरआरबी मुंबई के चेयरमैन-सीईओ समेत 10 अन्य दोषी, पांच साल की जेल

रेलवे भर्ती परीक्षा 2010 की सहायक स्टेशन मास्टर व सहायक लोको पायलट परीक्षा पेपर लीक मामले में मुंबई रेलवे भर्ती बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष सतेंद्र मोहन शर्मा-असन मंगरौल रेल विकास निगम के सीईओ सहित दस आरोपियों को अदालत ने सजा सुनाई। आरोपियों को पांच-पांच साल के कठोर कारावास सहित सात लाख 87 हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया है। पढ़िये रिपोर्ट।
तत्कालीन अध्यक्ष, रेलवे भर्ती बोर्ड, मुंबई सतेंद्र मोहन शर्मा और असन मंगलौर रेल विकास निगम के तत्कालीन सीईओ जगन्नाधाम को जुर्माने के साथ पांच साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। अन्य अभियुक्तों जगन्नाथधाम शरीन कुमार, जगन्नाथधाम रमेश; जगन्नाधम तिरुपथैया और विवेक भारद्वाज को 5 साल के सश्रम कारावास से 50 हजार-50 हजार का जुर्माना किया गया है। वहीं पी. अशोक कुमार, मंदारम शेषु नारायण मूर्ति और श्रीराम विजय शंकर को पांच-पांच साल के कठोर कारावास के सा 75000-75,000 का जुर्माना किया गया है।
यह है घटनाक्रमः
रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा 6 जून 2010 को आयोजित सहायक लोको पायलट और सहायक स्टेशन मास्टर पदों के लिए परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप में सीबीआई ने 15 जून.2010 को कुछ लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सभी पर आरोप था कि वर्ष 2010 के दौरान लोक सेवक सतेंद्र मोहन शर्मा और ए.के.जगन्नाधाम ने निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर उक्त प्रश्नपत्रों को लीक करने की साजिश रची थी। एजेंटों के माध्यम से साढ़े तीन लाख से 4 लाख रुपए लिए थे। उक्त साजिश में जगन्नाधम शरीन कुमार; पी. अशोक कुमार; जगन्नाधम रमेश; जगन्नाधम तिरुपथैया; मंदारम शेषु नारायण मूर्ति; विवेक भारद्वाज; सृजन जगन्नाधम और श्रीराम विजय शंकर एजेंट के रूप में शामिल हुए थे जिन्होंने देशभर के उम्मीदवारों को लालच देकर वसूली की थी। 193 उम्मीदवारों से यह वसूली की गई थी। राशि एकत्र किए जाने के बाद, उम्मीदवारों को गोवा, शोलापुर और नागपुर ले जाया गया जहां उन्हें लीक हुए प्रश्न पत्रों के साथ पढ़ाया गया।
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