-
दुनिया
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा आंबेडकर संविधान जलाना चाहते थे, मनुस्मृति को तो गंगाधर सहस्त्रबुद्धे ने जलाया
-
मध्य प्रदेश की 40 फीसदी जंगलों निजी हाथों में सौंपने की तैयारी

मध्य प्रदेश सरकार अब प्रदेश के 40 फीसदी जंगलों को निजी हाथों में सौंपने जा रही है। यह जमीन लगभग 37 लाख हेक्टेयर है। इसमें छोटे निवेशकों को 10 हेक्टेयर और बड़े निवेशकों को 1000 हेक्टेयर तक की जमीन पर जंगल विकसित करने के लिए आमंत्रित किया गया है। निजी कंपनियों को यह जमीन 60 साल की लीज पर दी जा रही है। इस योजना का मास्टरमाइंड इंदौर का कारोबारी है, जो अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल का नजदीकी बताया जाता है।
राज्य सरकार का दावा है कि जो बिगड़े हुए वन हैं जिन्हें निजी निवेश से सुधारने की कोशिश की जाएगी। एसीएस ने वन विभाग की वेबसाइट पर ‘सीएसआर, सीईआर और अशासकीय निधियों के उपयोग से वनों की पुनर्स्थापना की नीति’ जारी की है। इसमें बताया गया है कि मध्य प्रदेश में लगभग 95 लाख हेक्टेयर में जंगल हैं। इनमें से 37 लाख हेक्टेयर जंगल बिगड़े हुए वनों की स्थिति में है। इन जंगलों को राज्य सरकार अपने संसाधनों से पुनर्स्थापित नहीं कर पा रही है।
सीएसआर फंड का इस्तेमाल
राज्य सरकार ने अपनी नीति में लिखा है कि वह इन जंगलों को निजी हाथों में देने जा रहे हैं. इन जंगलों को फिर से हरा भरा करने के लिए बड़ी कंपनियों के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी और कॉर्पोरेट एनवायरमेंटल रिस्पांसिबिलिटी के फंड का इस्तेमाल किया जाएग. दरअसल बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों को इन दोनों मदों में अपनी कुल कमाई का 3 फीसदी देना होता है।
Posted in: bhopal, bhopal news, desh, Uncategorized, अन्य, देश, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश, राज्य
Tags: bhopal, bhopal khabar, bhopal khabar samachar, india, madhya pradesh, madhya pradesh . india
Leave a Reply