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राहुल गांधी के मंच के बैनर पर BJP प्रत्याशी का फोटो, खजुराहो के बाद मंडला LS सीट पर संगठन की लापरवाही
मध्य प्रदेश कांग्रेस का संगठन लोकसभा चुनाव में लापरवाही की सीमाएं लांघता नजर आ रहा है। खजुराहो में नामांकन पर्चा निरस्त होने के घटनाक्रम के दौरान संगठन के जिम्मेदार गायब रहने के बाद मंडला में संगठन ने अपनी पार्टी के प्रमुख चेहरे राहुल गांधी की सभा के मंच पर भाजपा प्रत्याशी की तस्वीर लगाने की बड़ी भारी गलती कर दी। जिम्मेदारों के जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभाने से पार्टी लगातार हंसी की पात्र बन रही है। पढ़िये रिपोर्ट।
मंडला लोकसभा सीट पर सोमवार को राहुल गांधी की सभा का आयोजन था जिसके मंच पर बड़ा सा बैनर बनाकर लगाया गया। बैनर के मंच पर लगाए जाने तक किसी ने बैनर में लगे भाजपा प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते के फोटो को नहीं देखा और जब बैनर को मंच पर खड़ा कर दिया गया तो नेता-कार्यकर्ता एक-दूसरे से पूछते नजर आए कि किसने बैनर बनवाया। किससे बनवाया। जब नेता-कार्यकर्ता यह सवाल कर रहे थे तो कुछ कार्यकर्ता मामले की गंभीरता को देखकर कुलस्ते की फोटो को थेगड़ों से छिपाने की कवायद करते दिखाई दिए तो कुछ ने सलाह दी कि पहले बैनर को नीचे गिरा दो।
कई सवाल खड़े हुए….मगर मामले की गंभीरता पर पर्दा डालने की कोशिश
राहुल गांधी के मंच पर भाजपा प्रत्याशी के फोटो के साथ बैनर लगने की घटना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं लेकिन संगठन अभी भी इन सवालों पर जांच करने की बजाय उस मुद्दे पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है। कांग्रेस पार्टी में यह सवाल खड़ा हो गया है कि पार्टी को कटघरे में खड़ा करने वाले किसी रणनीति के तहत तो यह सब नहीं कर रहे क्योंकि इस समय पार्टी से भाजपा में जाने वालों की संख्या बढ़ गई है और कई लोग पार्टी के भीतर रहकर उसे नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से लेकर भाजपा के नेतागण इस घटना को कांग्रेस की चुनाव के पहले हार मान लेने की बात कहते नजर आ रहे हैं।
आखिर क्या कर रहे लोकसभा प्रभारी, जिला प्रभारी-सह प्रभारी
मध्य प्रदेश में कांग्रेस कमेटी ने वरिष्ठ नेताओं को लोकसभा प्रभारी, जिलों में जिला प्रभारी व सह प्रभारी बनाए हैं। विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस में आमूलचूल परिवर्तन कर जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया दिया गया था लेकिन वे अपनी टीम नहीं बना सके। लोकसभा चुनाव में लोकसभा सीटों के कई जिलों में फैले होने से प्रदेश स्तर पर कार्यकारिणी के साथ चुनाव के लिए चुनाव अभियान समिति, चुनाव समन्वय समिति या चुनाव प्रबंधन समिति जैसी कोई कमेटियां नहीं होने से बनाए लोकसभा प्रभारी, जिला प्रभारी व सह प्रभारियों की भूमिका अहम हो जाती है। मगर पीसीसी ने ऐसे लोगों को इस जिम्मेदारियां दे दी हैं जो गंभीरता से काम नहीं कर रहे हैं। लोकसभा क्षेत्रों में नियमित दौरे तो दूर निर्वाचन प्रक्रिया या राष्ट्रीय नेताओं के दौरों में भी उनकी लापरवाही सामने आई है। मंडला लोकसभा के लिए पीसीसी ने कदीर सोनी को लोकसभा प्रभारी बनाया है तो मंडला के जिला प्रभारी का दायित्व दिनेश यादव व सह प्रभारी का दायित्व आनंद पंजवानी को दिया गया है जो इस लापरवाही के लिए सबसे जिम्मेदार माने जाने चाहिए। इसी तरह खजुराहो लोकसभा सीट में नामांकन पत्र निरस्त होने के घटनाक्रम के दौरान भी लोकसभा प्रभारी आलोक चतुर्वेदी, पन्ना जिला प्रभारी अजय टंडन व धर्मेंद्र गौतम डब्बू भी नदारत रहे थे।
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