बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में करीब तीन सप्ताह पूर्व हुईं हाथियों की मौत के मामले में अब राज्य सरकार ने वाइल्डलाइफ के प्रमुख को हटाकर सख्त फैसला लिया है और पीसीसीृएफ वाइल्डलाइफ रहे शुभरंजन सेन को एकबार फिर कमान सौंपी गई है। मौजूदा पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ बीएन अंबाड़े को भोपाल में वन विकास निगम में पदस्थापना दी गई है। पढ़िये रिपोर्ट।
दीपावली के पहले 29 अक्टूबर से लेकर दीपावली के दिन तक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक के बाद एक हाथियों की मौत हुई थी और उनके झुंड से भटके एक हाथी के बच्चे ने बाद में दम तोड़ दिया था। इस गंभीर मामले में राज्य शासन ने वन मंत्री रामनिवास रावत के उपचुनाव के बाद अब वाइल्डलाइफ के अधिकारी को हटाया है। यहां पदस्थ पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ बीएन अंबाड़े को राज्य शासन ने हटाकर प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम के पद पर पदस्थापना दी है।
अंबाड़े को एसीएस की विशेष सिफारिश पर अब तक रोका गया
अंबाड़े को हटाने का निर्णय तभी हो गया था जब बांधवगढ़ से तत्कालीन फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी को निलंबित किया गया था। लेकिन अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल की विशेष सिफारिश पर ही तब उनके हटने के निर्णय को होल्ड कर दिया गया था। इसके बाद वन विभाग ने लंबे समय से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पदस्थ रहे डॉक्टर नितिन गुप्ता को हटाया था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अंबाड़े जब पन्ना नेशनल पार्क में डिप्टी डायरेक्टर तब उनके ही कार्यकाल के दौरान टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पन्ना नेशनल पार्क में टॉप टू बॉटम तक पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्थानांतरित किया था। यानी पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ से लेकर बीट गार्ड तक बदले गए थे।
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