मध्य प्रदेश में कांग्रेस भले ही दो दशक से सत्ता से बाहर है मगर आज भी पार्टी को चलाने वाले दिल्ली-भोपाल के नेताओं के दावों की प्रदेश के दूसरे नेता पोल खोलते रहते हैं। पीसीसी में शुक्रवार को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में जहां हाईकमान के नुमाइंदे प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी से लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी पार्टी के मास कनेक्ट प्रोग्राम की वकालत कर रहे थे तो दूसरे जिम्मेदार नेताओं ने सवाल खड़े किए कि जब जमीनीस्तर पर संगठन नहीं है तो मास कनेक्ट प्रोग्राम कैसे हो पाएंगे। पढ़िये रिपोर्ट।
कांग्रेस 2003 से मध्य प्रदेश में सत्ता से बाहर है और वह 2018 में सत्ता में वापस भी आई तो करीब 15 महीने में ही अपनों को ही नहीं संभाल पाने से उसके हाथ से सरकार चली गई। 2023 में उसने काफी प्रयास किया मगर भाजपा की कोशिशें ज्यादा कारगर साबित हुईं और कांग्रेस विपक्ष में ही बैठ गई। अब 2028 में सरकार बनाने के लिए एकबार फिर अपनी बात को जनता के बीच पहुंचाने के लिए कार्यक्रमों की रूपरेखा बना रही है और संगठन सृजन से जिला अध्यक्ष बनाने, फिर ब्लॉकों में नियुक्ति के बाद प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक कर पीसीसी ने मास कनेक्ट के प्रोग्राम के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने की बात कही है। यह बात प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी व प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने उपस्थित नेताओं के बीच कही। मगर अपने नेताओं की इस बात को कुछ नेताओं ने जमीन पर संगठन के हालात तथा संगठन सृजन कार्यक्रम पर सवाल खड़े कर दिए।
जमीन स्तर पर संगठन की खराब हालत इन नेताओं ने बताई
पीसीसी में बैठक में जिन नेताओं को बोलने का अवसर मिला उनमें से एक नेता की बात को सुनकर उन्हें बैठने को कहकर उनकी बात को पूरा नहीं होने दिया। इस नेता ने संगठन सृजन कार्यक्रम में हुई नियुक्तियों की समीक्षा की बात कही थी जिससे मंच पर मौजूद नेताओं ने पूरी नहीं कर दिया। वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सीडब्ल्यूसी के सदस्य कमलेश्वर पटेल ने संगठन को दुरुस्त करने के साथ समन्वय की कमी को दूर करने की बात कही तो पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने प्रदेश में कांग्रेस के संक्रमणकाल से गुजरने की बात रखी। पूर्व मंत्री व राजगढ़ के जिला अध्यक्ष प्रियव्रत सिंह ने जमीनी स्तर पर संगठन की हालत बताते हुए कहा फिर कैसे मास कनेक्ट प्रोग्राम की मंशा को पूरा किया जा सकता है।
जितने वोटर के नाम काटे गए वे 60 सीटों पर बीजेपी के जीत के अंतर से ज्यादा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि नए वर्ष की शुरुआत में 1 जनवरी 2026 से लेकर 15 फरवरी 2026 तक प्रदेश के सभी जिलों में पंचायत कमेटी, वार्ड कमेटी एवं मंडल स्तर तक संगठन का नए सिरे से गठन पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनावों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जिन विधानसभा सीटों पर भाजपा एक लाख, पचास हजार अथवा चालीस हजार मतों से विजयी घोषित हुई, उन्हीं सीटों पर एसआईआर प्रक्रिया के दौरान जितने वोट काटे गए हैं, उनकी संख्या जीत के अंतर से कहीं अधिक है। ऐसा लगभग 60 विधानसभा सीटों पर देखने को मिला है, जो यह स्पष्ट करता है कि 2023 का चुनाव भाजपा ने वोट चोरी के माध्यम से जीता है।
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