मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के ठीक पहले मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण विभाग दिया गया है। अब तक यह विभाग आदिवासी विधायक नागर सिंह चौहान के पास था जिनका कद कम करते हुए उन्हें अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पढ़िये रिपोर्ट।
लोकसभा चुनाव के दौरान मुरैना सीट पर भाजपा को कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने ऐनवक्त पर साथ देकर विजय में अहम भूमिका निभाई थी। रामनिवास रावत को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने पार्टी में लाने के लिए विशेष प्रयास किए थे। यही वजह रही कि कांग्रेस की मजबूत स्थिति रावत के भाजपा से हाथ मिलने के बाद कमजोर हो गई और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथ से जीत फिसल गई। हालांकि रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनाव और उसके काफी समय बाद तक कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया था। मगर विधानसभा अध्यक्ष तोमर व भाजपा संगठन के वादे के मुताबिक उन्हें विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मंत्रिमंडल विस्तार कर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट मंत्री बना दिया।
बड़े विभाग की जिम्मेदारी से कद और बढ़ा
रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के बाद रविवार को मोहन यादव सरकार के मंत्रिमंडल में विभाग बंटवारे की राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई। इसमें वन मंत्री नागर सिंह चौहान अकेले प्रभावित हुए जिन्हें अब केवल अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। उनके विभागों को रामनिवास रावत को सौंप दिया गया है।
एक तीर से दो निशाने
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि रामनिवास रावत को बड़े विभाग की जिम्मेदारी देकर दो निशाने लगाए गए हैं। पहला निशाना केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर है तो दूसरा शिवराज सिंह चौहान पर लगा है। सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद रामनिवास रावत कांग्रेस में ही रहे थे और कांग्रेस में रहकर उन्होंने सिंधिया के खिलाफ कई बयान भी दिए थे।
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