-
दुनिया
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा आंबेडकर संविधान जलाना चाहते थे, मनुस्मृति को तो गंगाधर सहस्त्रबुद्धे ने जलाया
-
कुख्यात अफीम तस्कर बंशी गुर्जर के फर्जी एनकाउंटर में अब CBI जांच में तेजी, पुलिस अफसरों की गिरफ्तारियां शुरू

डेढ़ दशक पहले अफीम तस्करी में कुख्यात नाम बंशी गुर्जर को नीमच पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर करके मरा दिखा दिया था मगर जब तीन साल बाद उज्जैन में जिंदा पकड़ा गया तो एनकाउंटर की पोल खुली। बंशी गुर्जर के जिंदा मिलने के बाद हाईकोर्ट में याचिका लगाकर जांच की मांग हुई तो दिल्ली सीबीआई को जांच सौंपी गई जिसमें अब तेजी आई है। फर्जी एनकाउंटर टीम में शामिल रहे पुलिस अधिकारी ग्लैडविन एडवर्ट, नीरज प्रधान की गिरफ्तारी के बाद अब रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी वेदप्रकाश शर्मा से लेकर अभी भी पुलिस वर्दी पहनकर नौकरी कर रहे अनिल पाटीदार, विवेक गुप्ता, मुख्ययार कुरेशी पर तलवार लटक गई है। जानिये मामला क्या है और इसकी अगली कड़ी में हम आपको इससे जुड़ी अन्य घटनाओं को तीन अप्रैल को बताएंगे।
अफीम के बड़े उत्पादक मध्य प्रदेश के नीमच जिले में इसकी तस्करी से कई लोग धनाढ्य होने के साथ ही आतंक के पर्याय बनते रहे हैं और ऐसे ही लोगों में शामिल है बंशी गुर्जर। बंशी गुर्जर एकबार पुलिस के फर्जी एनकाउंटर में मारा गया था लेकिन दूसरे पुलिस अधिकारियों की वजह से तीन साल बाद वह उज्जैन में जिंदा मिल गया। बंशी गुर्जर की मरने और फिर जिंदा मिलने की कहानी से पुलिस के मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े लोगों के साथ मिलकर फर्जी एनकाउंटर करने की साजिश का पर्दाफाश हुआ जिसकी अब दिल्ली की सीबीआई जांच कर रही है।
आला अधिकारियों ने रची साजिश
कहा जाता है कि इस साजिश को रचने वाले पुलिस के छोटे-मोटे अधिकारी नहीं बल्कि आला अफसर थे जिनमें से कुछ अब सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। इनमें एक नाम सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वेदप्रकाश शर्मा का है जो इन दिनों बाबा रामदेव की कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं। शर्मा से लेकर उनके अधीनस्थ रहे अनिल पाटीदार, विवेक गुप्ता, मुख्तयार कुरेशी की भूमिका की सीबीआई जांच कर रही है मगर उसकी जांच में आई तेजी से दो पुलिस अधिकारियों ग्लैडविन एडवर्ड व हवलदार नीरज प्रधान की गिरफ्तार हो चुकी है।
एनकाउंटर के फर्जी होने का राज ऐसे आया था सामने
नीमच में जिस तरह पुलिसने आठ फरवरी 2009 को बंशी गुर्जर को मार गिराने का दावा किया था, उसे गलत साबित करने वाला कोई और नहीं बल्कि दूसरा अफीम तस्कर घनश्याम धाकड़ था। धाकड़ को भी पुलिस ने सितंबर 2011 में सड़क दुर्घटना में मरा हुआ घोषित कर दिया था मगर उसके बाद 20 दिसंबर 2012 को वह जिंदा मिल गया था। उससे जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने फर्जी एनकाउंटर का राज खोला था और बताया था कि बंशी गुर्जर अभी मरा नहीं जिंदा है।
गोवर्धन पंड्या व मूलचंद खींची की मेहनत रंग लाई
फर्जी एनकाउंटर के इस मामले में अफीम तस्करों के साथ पुलिस अधिकारियों की सांठगांठ का पर्दाफाश करने के लिए दो लोगों की मेहनत को श्रेय दिया जा सकता है। उज्जैन के गोवर्धन पंड्या व नीमच के मूलचंद खींची ने इस मामले में इंदौर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई जिसमें फर्जी एनकाउंटर की जांच की मांग की गई। अदालत ने याचिका पर करीब सालभर सुनवाई की और आखिरकार सीबीआई को इसकी जांच के लिए आदेश किया।
Posted in: bhopal, bhopal news, desh, Uncategorized, अन्य, देश, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश, राज्य, व्यापार
Tags: bhopal, bhopal hindi news, bhopal khabar, bhopal khabar samachar, madhya pradesh, madhya pradesh . india
Leave a Reply