ऑपरेशन सिंदूर से चर्चा में आईं कर्नल सोफिया कुरेशी, विंग कमांडर व्योमिका के खिलाफ मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह और उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव टिप्पणियों को लेकर जहां देशभर में इन नेताओं के प्रति आक्रोश है तो वहीं अखिल भारतीय सेवाओं के आईएफएस, आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के अब तक उनके साथ खड़े नहीं होने पर रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी यशोवर्धन आजाद तल्ख टिप्पणी की है। सोशल मीडिया पर इन तीनों सेवाओं के अधिकारियों को अपील की है कि वे ऐसे नेताओं इन नायकों के साथ खड़े हों और उनके लिए की गईं टिप्पणियों की निंदा करें। पढ़िये रिपोर्ट में यशोवर्धन आजाद के बारे में और उनकी फेसबुक वॉल पर क्या लिखा है उन्होंने।
पिछले महीने पहलगाम में धर्म पूछ-पूछकर पर्यटकों की हत्या की आतंकी घटना के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर में जिस तरह भारतीय सेना का पराक्रम देखने को मिला, उससे हर भारतीय का सिर गौरव से ऊपर है और सेना के तीनों अंगों के प्रति सम्मान आसमान छू रहा है। मगर ऑपरेशन सिंदूर के नायकों के प्रति जनप्रतिनिधियों द्वारा अपमान और आपत्तिजनक टिप्पणियां सामने आने तथा अखिल भारतीय सेवाओं की तीन प्रमुख इकाई अखिल भारतीय विदेश सेवा, अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा और अखिल भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों द्वारा इसको लेकर एकजुटतानहीं दिखाने या नजरअंदाज कर दिए जाने पर रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी यशोवर्धन आजाद ने अपनी फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट की है। उन्होंने अखिल भारतीय सेवाओं के तीनों प्रमुख इकाइयों को कहा है कि जिस तरह से वे अपने साथी विक्रम मिसरी के लिए खड़े हुए उसी तरह उन्हें सशस्त्र बलों की साथियों की प्रशंसा करते हुए उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों की निंदा करना चाहिए।
नेताओं की टिप्पणियों को विभाजनकारी बताया अपने कड़क मिजाज के लिए पहचाने जाते रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी आजाद ने इस बार राजनेताओं के कुत्सित प्रयासों की भी निंदा की है। उन्होंने कहा कि वर्दीधारी और सिविल सेवाओं में कोई जाति या धर्म नहीं होता है। राजनेताओं की टिप्पणियों को उन्होंने कहा कि वे इस तरह के विभाजन पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं जिसकी निंदा की जाना चाहिए। बिहार के पूर्व सीएम के पुत्र हैं यशोवर्धन अखिल भारतीय पुलिस सेवा के 1976 बैच के अधिकारी रहे यशोवर्धन आजाद को मध्य प्रदेश कैडर मिला था और वे यहां कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे थे। वे भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसी आईबी के प्रमुख, सुरक्षा सचिव, भारत के मुख्य सूचना आयुक्त के पदों पर रहे हैं और जब भारत-पाकिस्तान क्रिकेट टीमों के बीच मैच होते थे तब वे पाकिस्तान दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम के सुरक्षा प्रमुख के रूप में साथ भी जा चुके हैं। हालांकि यशोवर्धन आजाद का परिवार भी राजनीतिक से संबंध रखता है। उनके पिता भगवत झा आजाद थे जो केंद्रीय मंत्री रहे और बिहार राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे। यशोवर्धन आजाद के भाई कीर्ति आजाद हैं जो भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य भी रहे और 1983 विश्व कप चैम्पियन भारतीय टीम के सदस्य थे। हालांकि अभी वे राजनीति में हैं और तूणमूल कांग्रेस से सांसद हैं। मगर इसके बाद भी सही का साथ देने के अपने अंदाज की वजह से उन्होंने अपनी पीड़ा फेसबुक वॉल पर पोस्ट में दिखाई है।
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