मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नवगठित कार्यकारिणी को लेकर तीन दिन से चली आ रही नाराजगी को दूर करने के लिए दूसरी सूची जल्द जारी करते हुए हाईकमान ने 158 नेताओं को तीन कमेटियों सहित सचिव व संयुक्त सचिव के रूप में समायोजित किया गया। सूची में उन नाराज नेताओं के बेटे, भतीजे और पत्नी को शामिल तो किया गया मगर इससे नई नाराजगी की स्थिति बन गई है। 335 सदस्यों की लंबी चौड़ी कार्यकारिणी से नाराज होकर इंदौर के बाद भोपाल के एक नेता ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई कार्यकारिणी में दिग्विजय समर्थकों की संख्या ज्यादा दिखाई देने की वजह से जो नाराजगी दिखाई दे रही थी, उसे दूर करने के लिए दूसरी सूची महज कुछ दिन में ही मंगलवार की आधी रात को जारी कर दी गई। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र और उनके नजदीकियों के नाम इसमें जोड़कर संतुलन दिखाने की कोशिश की गई। कमलनाथ के पूर्व सांसद पुत्र नकुलनाथ को पिता के साथ पॉलीटिकल अफेयर्स कमेटी में शामिल कर दिया गया है तो उनके समर्थक पूर्व मंत्री विधायक बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा, तरुण भनोत व सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू को भी इस कमेटी ले लिया गया है। यानी 15 सदस्यीय पॉलीटिकल अफेयर्स कमेटी में कमलनाथ सहित उनके पांच नेताओं को रख लिया गया है।
नाराज नेताओं के बेटे, भाई और पत्नी शामिल
पूर्व में घोषित कार्यकारिणी के नामों से नाखुश नेताओं को 158 नए सदस्यों की दूसरी सूची में खुश करने की कोशिश की गई है। जहां कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का नाम इस बार लिस्ट में आ गया है तो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य को प्रदेश सचिव बनाया गया है। इसी तरह एक अन्य ने सज्जन सिंह वर्मा को न केवल पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में लेने के साथ उनके भतीजे अभय वर्मा को भी सचिव की जिम्मेदारी दे गई है। दिग्विजय सिंह ने अपने भाई पूर्व सांसद और पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह के नाम को कार्यकारिणी में नहीं शामिल कराया था लेकिन विरोधों के बीच प्रदेश सचिव जैसे पद देकर अपमानित जैसा किया है। लक्ष्मण सिंह सांसद, विधायक रहे हैं और उनकी वरिष्ठता सदन में अन्य विधायकों की तुलना में काफी है। कमलनाथ समर्थक आसिफ जकी कार्यकारिणी घोषित होने के बाद की नाराजगी को लेकर कहा जा रहा है कि उनके द्वारा अपने दोस्ताना सर्किल में आलोचना के पात्र बने थे और मंगलवार को दूसरी सूची में उनकी पत्नी शबिस्ता जकी सेटलमेंट कराते हैं।
मोनू सक्सेना का इस्तीफा
कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की दूसरी सूची में भोपाल की मीडिया को रात तक खबर नहीं थी लेकिन जैसी दूसरी सूची आए तो भोपाल के पूर्व जिला अध्यक्ष मोनू सक्सेना ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह अरुण श्रीवास्तव के चुनाव के समय में जिला अध्यक्ष बनाए गए पार्षद प्रवीण सक्सेना को नया पद मिला। प्रवीण सक्सेना के भाई संजीव सक्सेना को तीन दिन पहले कार्यकारिणी का हिस्सा बनाया गया था लेकिन कुछ पत्रकारों के नौकरी चाहने पर भी उन्हें संस्थान काम पर रखने को तैयार नहीं हैं। मोनू सक्सेना के पहले इंदौर के प्रमोद टंडन ने इस्तीफे का ऐलान किया था।
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