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जंगल की रक्षा करने वाले वन विभाग ने वृक्षारोपण के लिए लाए गए दस हजार पौधे जंगल में फेंके, ऐसे सामने आया मामला

मध्य प्रदेश में जंगल की रक्षा करने वाले वन विभाग ने एकबार जंगल की हरियाली को बढ़ाने के लिए लाए गए करीब दस हजार पौधों जंगल में फेंकने का काम किया है। जूनियर अधिकारी की रिपोर्ट के बाद भी वृक्षारोपण में बरती गई इस लापरवाही पर आज तक कोई एक्शन नहीं हुआ है। जानें कहां का है मामला और किस अधिकारी ने भेजी रिपोर्ट।
वन विभाग की जिम्मेदारी है जंगल की सुरक्षा और जंगल को हरा-भरा बनाने के प्रयास करना जिससे वन्यप्राणियों को उनके अनुकूल वातावरण उपलब्ध हो सके। मगर जंगल को हरा भरा बनाने के प्रयासों के लिए नियमित रूप से होने वाले वृक्षारोपण में वन विभाग के अफसरों की लापरवाही और गड़बड़ियां सामने आती रही हैं जिनकी शिकायत आम बात हो चुकी है। ताजा मामला खरगोन जिले के भीकनगांव का है।
एसडीओ की रिपोर्ट पर डीएफओ का लापरवाही रवैया
वन विभाग में वृक्षारोपण की गड़बड़ी तब और ज्यादा गंभीर हो जाती है जब जूनियर अधिकारी द्वारा अपनी रिपोर्ट में गड़बड़ी को सामने लाया जाता है और उस पर वरिष्ठ अधिकारी कोई एक्शन नहीं लेते। खरगोन के इस मामले में भी बार-बार एसडीओ की रिपोर्ट पर डीएफओ ने अब तक कार्रवाई नहीं की है। एसडीओ ने अपनी रिपोर्ट में दस्तावेज और फोटो संलग्न किए हैं, बावजूद इसके डीएफओ ने कोई एक्शन नहीं लिया है।
दस हजारों के वृक्षारोपण के पौधों फेंके जाने की रिपोर्ट
वृक्षारोपण में गड़बड़ी का मामला खरगोन वन मंडल के भीकनगांव रेंज का है। एसडीओ ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि 10 हजार से अधिक पौधे जंगल में फेंक दिए गए जिनका प्लांटेशन नहीं किया गया। यही नहीं प्लांटेशन के लिए खोदे गए गड्ढे के पास खाद और मिट्टी का ढेर लगा हुआ है। इसकी तस्वीर भी एसडीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में डीएफओ को भेजी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फर्जी औऱ घटिया काम के प्रमाणकों को पास करने के लिए दबाव बनाया जाता है। वृक्षारोपण के लिए गड्ढों में मिट्टी परिवर्तन औऱ खाद भी नहीं डाला गया है। जेसीबी से मिट्टी औऱ खाद नालों में फेंके गए हैं। इस मुद्दे को लेकर जब डीएफओ प्रशांत कुमार और मुख्य वन संरक्षक रमेश गनावा से बात करना चाही तो दोनों ने फोन रिसीव नहीं किया।
पौधारोपण गड़बड़ी की जांच झेल रहे हैं डीएफओ
खरगोन डीएफओ प्रशांत कुमार जब सागर दक्षिण में पदस्थित है तब वनीकरण क्षतिपूर्ति के तहत किए गए वृक्षारोपण में भी इसी तरीके की धांधली पाई गई थी। ऐसी गड़बड़ी के चलते उनके खिलाफ विभाग की जांच अभी भी चल रही है। इसके बाद भी खरगोन में वृक्षारोपण की गड़बड़ी पर उनकी लापरवाही बनी हुई है।
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