मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन सरकार के कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रशासनिक सर्जरी के रूप में जमीनी अधिकारियों के तबादलों की श्रृंखला में जबलपुर के बाद शुक्रवार को इंदौर कलेक्टर तो रीवा संभाग की समीक्षा बैठक के बाद आयुक्त को हटा दिया गया और प्रशासनिक फेरबदल में भोपाल कलेक्टर भी बदल दिए गए हैं। अब तक मोहन सरकार ने प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन सहित आधा दर्जन जिलों के कलेक्टरों को बदल दिया है। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में भाजपा की पांचवीं बार सरकार बनी है और चौथे मुखिया के रूप में डॉ. मोहन यादव ने कार्यभार ग्रहण किया है। यादव सरकार के कामकाज शुरू करने के बाद प्रशासनिक सर्जरी के रूप में मुख्यमंत्री सचिवालय से जो शुरुआत हुई थी, वह जिलों के मुखिया बदले जाने पर आ गई है। जबलपुर में कैबिनेट की बैठक के बाद कलेक्टर को हटाकर दीपक सक्सेना को पदस्थ किया गया था। इसके बाद रीवा संभाग की समीक्षा बैठक के बाद रीवा संभागायुक्त अनिल सुचारी को हटाकर जीएडी में सचिव बना दिया गया है। उनके स्थान पर गोपालचंद्र डाड को रीवा संभाग आयुक्त बनाया गया है। वहीं, आज इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी को हटाकर भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह को वहां भेजा गया है। भोपाल में पिछली बार कलेक्टर बनते बनते रह गए कौशलेंद्र विक्रम सिंह को मौका दिया गया है।
गौरतलब है कि एक महीने के भीतर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सबसे पहले अपने गृहनगर उज्जैन के कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त को बदला था और उसके बाद गुना में बस हादसे की वजह से सख्त निर्णय लेते हुए न केवल कलेक्टर-एसपी को हटाया था बल्कि परिवहन विभाग में आमूलचूल परिवर्तन किया था। गुना में पूर्व चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस के आईएएस पुत्र अमनवीर सिंह को बैतूल से हटाकर कलेक्टर बनाकर भेजा था। हालांकि अमनवीर सिंह गुना में प्रभार लेने के बाद बीमार हो गए थे और उन्हें इलाज के लिए पहले जिला अस्पताल और अब भोपाल में लाया गया है।
Leave a Reply