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लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी को कहा, तुम क्या जानो बारात का घोड़ा कैसे चलता है तुम्हारी बारात ही नहीं निकली

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के अनुज पूर्व सांसद व पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कहा है कि तुम क्या जानो बारात का घोड़ा कैसे चलता है, तुम्हारी तो शादी ही नहीं हुई। लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी के खिलाफ और भी बहुत बोला है जिसके बारे में आपको विस्तार से हम अपनी इस रिपोर्ट में बता रहे हैं। यह भी हम बता रहे हैं कि लक्ष्मण सिंह कौन हैं और उनका राजनीतिक केरियर कैसा रहा है।
ग्वालियर-चंबल की महत्वपूर्ण रियासत राघौगढ़ रही है जिसके प्रमुख इस समय दिग्विजय सिंह हैं जो दस साल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। कांग्रेस की उनके समय सरकार दस साल चली मगर उसके बाद 2003 में ऐसी स्थिति बनी कि दहाई के अंकों में विधायक संख्य सिमटकर रह गई। दिग्विजय सिंह परिवार के दो सदस्य अनुज लक्ष्मण सिंह और पुत्र जयवर्धन सिंह राजनीति में हैं लेकिन लक्ष्मण सिंह के दिग्विजय सिंह से संबंध में उतार-चढ़ाव आता रहा है। जब दिग्विजय सीएम थे तब कुछेक मर्तबा ऐसे घटनाक्रम हुए जिनमें दोनों भाइयों के बीच कड़वाहट भी आई और एक मर्तबा लक्ष्मण सिंह ने चार बार कांग्रेस से सांसद बनने के बाद भी भाजपा में जाने का फैसला किया। वहां से एक बार सांसद रहे मगर भाई के राजनीतिक सन्यास से वापसी पर 2013 में वे भी कांग्रेस में वापस आ गए। मगर 12 साल बाद पहलगाम आतंकी घटना में उनके हाईकमान के खिलाफ मुखर होकर बयान दिए जाने पर पिछले दिनों उनका निष्कासन कर दिया गया और छह साल के लिए प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दी गई। कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले के बाद लक्ष्मण सिंह और मुखर हो गए हैं जिसकी बानगी उनके वीडियो बयान में सामने आई है।
राहुल को कहा कई बार हारे फिर कैसे रेस घोड़े….
लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी के रेस बारात और लंगड़े घोड़े को लेकर दिए गए बयान पर तंज कसा कि कई बार तो हार चुके हो, फिर तुम कैसे रेस के घोड़े हो। अपने से ज्यादा उम्र के नेताओं का सम्मान नहीं करने पर राहुल गांधी से कहा कि उनके पिता राजीव गांधी के साथ काम कर चुके नेताओं जो उनके पिता की उम्र के हैं, किसो को लंगड़ा तो किसी को बारात का घोड़ा कहकर अपमानित करते हो। तुम क्या जानो बारात का घोड़ा कैसे चलता है, तुम्हारी तो बारात ही नहीं निकली।
राहुल गांधी के बयानों के कारण कार्यकर्ता सम्मान से नहीं चल पाता
दिग्विजय के अनुज ने राहुल गांधी के विवादित बयानों को लेकर भी उन्हें आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि उनके बयानों के कारण कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सम्मान से नहीं चल पाते हैं। ऐसे विवादित बयानों से कार्यकर्ता सिर उठाकर नहीं चल पाते। मगर यह सब तुमसे कोई नहीं कहेगा क्योंकि तुम तो चमचों से घिरे रहते हो और घिरे रहोगे। सिंह ने कहा कि इन परिस्थितियों में कोई फर्क नहीं आने वाला है।
मुंह बंद रखने को कहा
लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी को मुंह बंद रखने की सलाह दी है। उन्होंने नई आर्थिक नीति लाने वाले मनमोहन सिंह का जिक्र किया और बताया कि वे जीएसटी लाए थे। इस जीएसटी को मौजूदा सरकार ने लागू किया जिसके कारण देश के विकास के काम हो रहे हैं। ऐसी जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताकर मखौल उड़ाने पर लक्ष्मण सिंह ने कहा कि जब कुछ समझ नहीं आता तो राहुल गांधी मुंह बंद रखें।
राहुल गांधी के कार्यकाल में पार्टी तीन बार विभाजित हुई
निष्कासित नेता लक्ष्मण सिंह ने कहा कि आज मध्य प्रदेश में नई कांग्रेस बनाने का समय आ गया है। इंदिरा गांधी के समय भी पार्टी विभाजित हुई थी और राहुल गांधी को कहा कि आपके समय तो तीन बार पार्टी टूट चुकी है। यह कोई नहीं बात नहीं है। अब प्रदेश में ऐसी कांग्रेस पार्टी की जरूरत है जिसमें कार्यकर्ता अपनी बात खुलकर रख सके। वे बारिश के बाद किसान के कामकाज का समय बीतने पर प्रदेश का दौरा करेंगे और नई टीम के साथ नई पार्टी बनाएंगे।
नरसिंहराव का पार्थिव देह पार्टी मुख्यालय में नहीं रखने दिया
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहराव के निधन के बाद कांग्रेस नेताओं ने उनके पार्थिव देह को लेकर किए गए व्यवहार पर खुलासा किया। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि वे यह खुलासा कर रहे हैं कि नरसिंहराव के निधन के बाद उनके पार्थिव देह को राहुल गांधी और उनके साथियों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए नहीं दिया था। नेताओं की इस सोच को नीचता बताई और कहा कि जो नेता कांग्रेस का अध्यक्ष रहा और प्रधानमंत्री रहा, उसकी पार्थिव देह को पार्टी मुख्यालय में नहीं रखने देने की सोच को और क्या कहा जा सकता है।
जानें लक्ष्मण सिंह और दिग्विजय सिंह परिवार को
कांग्रेस से निष्कासित नेता लक्ष्मण सिंह, दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं जो राघौगढ़ रियासत से आते हैं। दिग्विजय सिंह और लक्ष्मण सिंह के संबंध में उतार-चढ़ाव आता रहा है। जब दिग्विजय सिंह सीएम थे तो उनके दूसरे कार्यकाल में भी ऐसी ही स्थितियां बनीं थी और चार बार कांग्रेस सांसद बनने के बाद भी लक्ष्मण सिंह ने पार्टी छोड़ने में देरी नहीं की थी। 2013 में वे वापस कांग्रेस में लौटे थे और 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी वरिष्ठ होने पर भी लक्ष्मण सिंह को कमलनाथ सरकार में दिग्विजय सिंह ने मंत्री बनाने की सिफारिश करने के बजाय अपने दो बार के विधायक पुत्र जयवर्धन सिंह को मंत्री ओहदा दिलाया था। दिग्विजय सिंह और लक्ष्मण सिंह दोनों ने ही पत्नियों के निधन के बाद दूसरी शादी की हैं जिसको लेकर उनके परिवार में आज भी सामान्य परिस्थितियां नहीं हैं।
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