कैबिनेट बैठकों से दूर किया मगर मंत्री पद का फैसला नहीं, आखिर विजय शाह मजबूरी या किसका इंतजार

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर से सुर्खियां बटोरने वाली कर्नल सोफिया कुरेशी को लेकर मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की टिप्पणी के बाद अब तक मोहन सरकार कोई फैसला नहीं ले सकी है। शाह के केबिनेट मंत्री होने के बाद भी केबिनेट की बैठकों में नहीं शामिल होने और लगातार माफी मांगने के पीछे अब तक कोई ठोस आधार सामने नहीं आ सका है। यह संभावनाएं सामने आ रही हैं कि पार्टी को किसी व्यक्ति या समय का इंतजार है जिसके बाद शाह पर फैसला ले लिया जाएगा। पढ़िये इस मुद्दे पर रिपोर्ट।

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार में केबिनेट मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर में भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर चर्चा के बाद कर्नल सोफिया कुरेशी को एक समुदाय विशेष का बताते हुए जिस तरह आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, उसको लेकर भाजपा और प्रदेश सरकार अब तक बैकफुट पर दिखाई दे रही हैं। कर्नल सोफिया कुरेसी पर टिप्पणी को लेकर शाह पार्टी के लिए गली की हड्डी बन गए हैं जिस पर न तो वह उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर पा रही है और न ही केबिनेट के हिस्से के बावजूद उन्हें केबिनेट बैठकों में शामिल कर पा रही है।
बार-बार माफी मांगने की मजबूरी
विजय शाह ने अपनी कर्नल सोफिया कुरेशी पर की गई टिप्पणी के बाद कई बार माफी मांगी है। टिप्पणी के बाद उन पर संगठन और सरकार दोनों तरफ से दबाव बना मगर उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर निकालने पर फैसला नहीं किया जा सका। यह जरूर रहा कि टिप्पणी को लेकर शाह एक समाचार एजेंसी पर अपने कहे पर माफी मांगते सुनाई दिए तो हाल ही में उन्होंने पूरे घटनाक्रम को लेकर माफीनामा सोशल मीडिया पर वायरल भी कराया।
पीएम मोदी के कार्यक्रम तक फैसला अटकने का आसार
शाह के इस तरह बार-बार लगातार माफी मांगने के पीछे बड़ा कारण बताया जा रहा है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 31 मई की मध्य प्रदेश यात्रा से जुड़ा है। मोदी की प्रदेश यात्रा ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी पर महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम सरकार ने आयोजित किया है और ऐसे में केबिनेट मंत्री विजय शाह के महिला सैन्य अधिकारी सोफिया पर टिप्पणी के नकारात्मक फैसले से मोदी के कार्यक्रम पर विपरीत आसार जताए जा रहे हैं। पीएम मोदी के प्रदेश से रवाना होने के बाद केबिनेट मंत्री शाह के मंत्रितत्व पर फैसला लिया जा सकता है। वहीं, विजय शाह की टिप्पणी को लेकर अदालत ने पुलिस का विशेष जांच दल बनाया था जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। उस रिपोर्ट पर अदालत में बुधवार को सुनवाई होना है और उसमें अदालत के आदेश का इंतजार है जिसमें शाह के पक्ष में आदेश आने पर सरकार व संगठन को राहत मिलेगी तो खिलाफ के आदेश से सरकार व संगठन की मुश्किलें बढ़ेंगी।

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