कमलनाथ के भाजपा में जाने की चर्चाओं के बाद फिलहाल पार्टी में भले ही सबकुछ ठीक दिखाई दे रहा है लेकिन नाथ व उनके समर्थकों की साख को कांग्रेस में धक्का लगा है। इसकी झलक कमलनाथ के रवैये से लेकर उनके समर्थकों के प्रति पार्टी के छोटे-बड़े नेताओं के विरोधी रुख में दिखाई देने लगी है। पढ़िये रिपोर्ट।
पिछले दिनों कमलनाथ के पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने की चर्चाएं मीडिया की सुर्खियां बनीं, नाथ के स्पष्ट रूप से खंडन नहीं करने तथा समर्थकों के कमलनाथ के साथ होने के बयानों का असर अब साफ नजर आने लगा है। कमलनाथ व नकुलनाथ की राहुल गांधी से चर्चा के बाद उनके भाजपा में जाने की खबरें फिलहाल थम गई हैं लेकिन नाथ परिवार की कांग्रेस पार्टी में जो साख थी, उसे नुकसान हुआ है।
कमलनाथ का अब पूरी न्याय यात्रा में साथ रहने का बयान
राहुल गांधी जिस भारत जोड़ो न्याय यात्रा के आरंभ होने पर कमलनाथ मणिपुर नहीं गए थे, अब उनके पार्टी छोड़ने की चर्चाओं के बाद बदली परिस्थितियों में कमलनाथ को ट्वीट कर बयान देना पड़ रहा है कि वे मध्य प्रदेश में जितने दिन यात्रा रहेगी, वे साथ रहेंगे। इसका पार्टी स्तर से कोई कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है बल्कि कमलनाथ ने ट्विवटर पर यह बयान दिया है। भाजपा में जाने की चर्चाओं के बाद अब वे मीडिया के सामने आने से भी बच रहे हैं।
कमलनाथ समर्थक सज्जन पर नाराजगी
कमलनाथ के समर्थक पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का अपने आका के भाजपा में जाने की चर्चाओं के दौरान दिया गया यह बयान कि वे जहां रहेंगे, वहीं वे भी रहेंगे, उनके लिए परेशानी का कारण बन रहा है। पिछले दिनों वे धार के बदनावर में एक बैठक लेने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार के साथ पहुंचे थे तो जिला पंचायत सदस्य मनोज गौतम, सेवादल जिला अध्यक्ष कोड सिंह अग्निहोत्री व अन्य कांग्रेसजनों के बीच चर्चा में सज्जन वर्मा को व्यक्ति के प्रति वफादार बताया गया था। कहा गया कि व्यक्ति के प्रति वफादार रहने वाले लोग पार्टी के प्रति वफादारी की बात क्या हम कांग्रेसियों को समझाएंगे। ये कैसे पार्टी को उबारेंगे।
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