सहकारिता विभाग के ज्वाइंट रजिस्ट्रार विनोद सिंह को लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने एक शिकायत के निराकरण के एवज में दो लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया गया। भोपाल के मैनिट चौराहा पर रिश्वत का लेन-देन करते हुए ज्वाइंट रजिस्ट्रार को पकड़ा गया। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में सहकारिता विभाग में हाउसिंग सोसायटियों के खिलाफ पहुंचने वाली शिकायतों के निराकरण में भ्रष्टाचार का एक उदाहरण मैनिट चौराहा पर देखने को मिल गया। यहां भोपाल की एक हाउसिंग सोसायटी विशाल सागर गृह निर्माण समिति के विनोद शर्मा के खिलाफ समिति में अनियमितता की एक शिकायत सहकारिता के संयुक्त पंजीयक विनोद सिंह के पास पहुंची थी जिसकी जांच वे कर रहे थे। इस समिति की शिकायत के निराकरण के ज्वाइंट रजिस्ट्रार विनोद सिंह ने हाउसिंग सोसायटी के विनोद शर्मा से पांच लाख रुपए की रिश्वत मांगी। रिश्वत की एक किश्त दो लाख रुपए का लेन देन सोमवार को मैनिट चौराहा पर होना था। विनोद शर्मा ने रिश्वत देने के पहले लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना को इसकी शिकायत कर दी जहां शिकायत की सत्यता की जांच के उपरांत योजनाबद्ध ढंग से मैनिट चौराहा पर विनोद सिंह को रिश्वत लेते हुए पकड़े की कार्रवाई की गई।
रिश्वत लेते पकड़ने वाली टीम का नेतृत्व डीएसपी संजय शुक्ला ने किया और उनके साथ ट्रेप टीम में डीएसपी वीरेंद्र सिंह, निरीक्षक जीएस मर्सकोले, निरीक्षक उमा कुशवाहा एवं प्रधान आरक्षकगण मुकेश पटेल, ब्रज बिहारी पांडे, आरक्षक अवध बाथवी भी थे।
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