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MP कांग्रेस की जीतू कार्यकारिणी तो नहीं आई चुनावी हार की फैक्ट फाइडिंग कमेटी आ गई

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी अपनी कार्यकारिणी के गठन के लिए पिछले दिनों दिल्ली में एक सूची सौंपकर आए थे लेकिन वह सूची जारी होती उसके पहले प्रदेश नेतृत्व पर लोकसभा चुनाव में करारी हार को लेकर सवाल खड़े किए जाने लगे। जिस कांफिडेंस से पटवारी कार्यकारिणी गठन को लेकर बयान दे रहे थे आज उसकी हवा निकल गई और पार्टी हाईकमान ने कार्यकारिणी के ऐलान के पहले चुनावी हार की फैक्ट फाइडिंग कमेटी बना दी। पढ़िये रिपोर्ट।
विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से मध्य प्रदेश कांग्रेस में युवा नेतृत्व को कमान सौंपी गई थी उसके बावजूद लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार मिली। देशभर में कांग्रेस के पक्ष में जिस तरह लोकसभा चुनाव में माहौल बना था, वैसा मध्य प्रदेश में दिखाई नहीं दिया। प्रदेश नेतृत्व की बिना रणनीति के चुनाव लड़ने की कार्यशैली से पार्टी का बड़े से लेकर छोटा कार्यकर्ता चुनाव में काम करने की इच्छा रखने के बाद भी संगठन से निर्देश नहीं मिलने की वजह से खाली बैठा रहा। विधानसभा चुनाव के दौरान जिस तरह कांग्रेस में आने वाले नेताओं की भीड़ लगी थी, वैसी लोकसभा चुनाव में नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने वालों की लग गई जिसे रोकने के बजाय प्रदेश नेतृत्व और उनके राजनीतिक सलाहकारों ने आग में घी डालने वाले बयान देकर नाराज नेताओं को दलबदल करने को बेवस कर दिया।
सूची जारी होने के बजाय अटकी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पिछले दिनों अपनी कार्यकारिणी को लेकर दिल्ली में मीडिया को बयान दिया था कि जल्द ही प्रदेश कांग्रेस में एक्च्यूअल बदलाव दिखाई देगा। उसी दौरान पटवारी ने अपनी प्रदेश कार्यकारिणी की सूची हाईकमान को सौंपी थी। यह सूची हाईकमान ने अपने पास रख ली है और करीब दस दिन से उसके जारी होने का प्रदेश कांग्रेस के नेता इंतजार कर रहे हैं। सूची जारी होने के बजाय बुधवार को हाईकमान ने लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारणों को जानने के लिए फैक्ट फाइडिंग कमेटी बना दी है जिससे कार्यकारिणी के गठन की बात अब फाइलों में कैद होती दिखाई दे रही है।
फैक्ट फाइडिंग कमेटी बनने के पीछे क्या यह बयानबाजी
लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर पार्टी के प्रदेश के कुछ नेताओं ने जीतू पटवारी के नेतृत्व पर सवाल उठाए जिनमें सबसे पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की पीड़ा दिखाई दी। अजय सिंह ने अपने 2014 के नेता प्रतिपक्ष के कार्यकाल के दौरान पार्टी की हार पर देश-प्रदेश के दिग्गज नेताओं का नाम लिए बिना इशारों ही इशारों में यह तंज कसा था कि उस समय जिस तरह उन्हें हार का जिम्मेदार बताया गया था और इस्तीफा मांगा गया था अब उसी तरह जिम्मेदारों को इस्तीफा देना चाहिए। इसके बाद यही बात पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुज पूर्व सांसद-पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी दोहराई। राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने सोशल मीडिया पर अपने मन की बात कह दी लेकिन कुछ समय बाद उसके भावार्थ को बताते हुए सफाई दी थी।
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