मध्य प्रदेश में यौन अपराध में कभी न कभी लिप्त रहे अपराधियों की सघन जांच का सिलसिला शुरू किया गया है। इस प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के दौरान 24 घंटे में 4916 अपराधियों से पूछताछ की गई। पढ़िये यौन अपराधियों के रिकॉर्ड के आधार हो रही कार्रवाई पर रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिछले दिनों महिला एवं बाल सुरक्षा को सुनिश्चित करने तथा शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए थे और इसी क्रम में डीजीपी सुधीर सक्सेना ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से मैदानी पुलिस अधिकारियों से प्रदेश में यौन अपराधों की प्रभावी रोकथाम, यौन अपराध में शामिल रहे अपराधियों की सघन जांच और उनको कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने को कहा था। इसी तारतम्य में पूरे प्रदेश में पुलिस द्वारा व्यापक अभियान के रूप में ऐसे अपराधियों को चिन्हित कर कार्रवाई प्रारंभ की गई।
दस वर्षेां में संलिप्त लोगों की जांच
लैगिंक अपराधों में संलिप्त रहे लोगों के विरूद्ध अभियान चलाकर प्रदेश के सभी थाना क्षेत्रों में विगत दस वर्षों में इस तरह के अपराधों में लिप्त रहे लोगों की सघन जाँच एवं निगरानी प्रारंभ कर दी गई है। पुलिस के विभिन्न डाटा बेस से यौन अपराधियों विशेषत: एक से अधिक बार इस तरह के अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों की जानकारी संकलित की गई है। साथ ही कम उम्र की नाबालिग बालिकाओं से बलात्कार में दोषी अपराधियों को भी चिन्हित किया जा रहा है जो अपराधी अपना क्षेत्र छोड़कर अन्यत्र निवास कर रहे हैं, उनकी संबंधित पुलिस थाने को जानकारी देना सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सके। पूरे प्रदेश में लगभग 51052 यौन अपराधियों का डाटा बनाकर चिन्हित किया गया है। पिछले 24 घंटों में 2469 यौन अपराधियों के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई तथा 2447 यौन अपराधियों से पूछताछ कर उन्हें हिदायत दी गई।इस प्रकार एक दिन में लगभग 4916 यौन अपराधियों से पुलिस द्वारा पूछताछ कर सख्त हिदायत दी गई है।
यौन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट बनाई जा रही
पूरे प्रदेश में पुलिस द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्र में ऐसे अपराधियों की कोई भी गतिविधी / आचरण संदिग्ध या संदेहास्पद पाए जाने पर हिदायत दी जा रही है।अपराधियों को बॉउन्ड ओवर तथा विधि अनुसार अन्य कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। पुनरावृत्तिकर्ता अपराधियों की हिस्ट्रीशीट तैयार की जा रही है तथा आदतन अपराधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। शासन की मंशानुसार पॉस्को एक्ट तथा अन्य यौन अपराधों संबंधित फास्ट ट्रेक कोर्ट में चल रहे मामलों के त्वरित निराकरण के लिए फॉलोअप लिया जा रहा है तथा डीपीओ और अन्य संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर पीडि़त को त्वरित न्याय तथा अपराधी को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रयास जारी हैं।
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